शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों को बेसब्री से इंतजार है एलआईसी के आईपीओ का। एलआईसी की पंचलाइन जीवन के साथ भी जीवन के बाद भी उसके आईपीओ के इंतजार की कहानी कहने के लिए काफी है। अब एलआईसी पालिसीधारकों के लिए शानदार खबर आई है।
भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ के इश्यू साइज के 10 फीसद तक का हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रहेगा। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को यह बात कही। वित्त राज्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार एलआईसी में बहुसंख्यक शेयरधारक बनी रहेगी। यानी कंपनी का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा। ठाकुर ने कहा कि शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण भी सरकार के पास ही रहेगा।
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में ठाकुर ने कहा, '2021-22 के फाइनेंस बिल में, एलआईसी आईपीओ के इश्यू साइज के 10 फीसद तक हिस्सा एक प्रतिस्पर्धी आधार पर एलआईसी के जीवन बीमा पॉलिसीधारकों को देने का प्रस्ताव किया गया है।
एक फरवरी को पेश हुए बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में एलआईसी का आईपीओ लॉन्च किया जाएगा। अगला वित्त वर्ष 2021-22 एक अप्रैल, 2021 से शुरू होने जा रहा है। बता दें कि एलआईसी संशोधन अधिनियम को वित्त विधेयक का हिस्सा बनाया गया है, जिसमें देश के सबसे बड़े जीवन बीमाकर्ता के आईपीओ को लॉन्च करने के लिए आवश्यक विधायी संशोधन लाया गया है।
सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी का प्रबंधन देखने वाले निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM)ने एलआईसी के एम्बेडेड मूल्य का पता लगाने के लिए पहले से ही एक्चुरियल फर्म मिलिमन एडवाइजर्स का चयन किया हुआ है। वहीं, Deloitte और SBI Caps को प्री आईपीओ ट्रांजेक्शन एडवाइजर के रूप में नियुक्त किया गया है।
आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश हुए बजट में बीमा कंपनियों पर एफडीआई की सीमा को 49 फीसद से बढ़ाकर 74 फीसद करने का प्रस्ताव भी किया गया है।
जीवन बीमा को लेकर देश के ज्यादातर लोगों का भरोसा भारतीय जीवन बीमा निगम पर अटूट है। ऐसे में एलआईसी का आईपीओ आने से पहले ही बाजार में छा गया है।
टीम स्टेट टुडे
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