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आंदोलन की आंच पर 2024 की सियासी खिचड़ी, महापंचायत में चुनावों पर चर्चा


लखीमपुर खीरी, 20 अगस्त 2022 : किसानों के मंच पर बैठे लोगों का आवरण भले ही अराजनैतिक हो लेकिन नारों में सियासी तपिश ही दिखाई दे रही है। संयुक्त किसान मोर्चे की यह महापंचायत पूरी तरह से गैर-राजनीतिक बताई जा रही है, लेकिन भाषणों में 2024 में केंद्र सरकार को जवाब देने की हुंकार दिखी।

मंच से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी को तिकुनिया हिंसा का आरोपित बता रहे किसान नेता चेतावनी दे रहे हैं कि 2024 से पहले गुजरात, हरियाणा और मध्यप्रदेश के चुनावों में भाजपा को जवाब दिया जाएगा। कुल मिलाकर किसान महापंचायत के मंच से किसान हित के मुद्दे जैसे एमएसपी, खाद, बेसहारा पशु जैसे मुद्दे गायब हैं, हावी है तो बस टेनी का हटाने की मांग। भाजपा खेमा भी इसे औचित्यहीन और अप्रासंगिक करार दे रहा है। उनके नेताओं ने कहा कि इसी साल हुए चुनाव में किसान नेता तिकुनिया हिंसा को चुनावी मु्ददा बनाने में विफल रहे लेकिन एक बार फिर आंदोलन की आंच पर सियासी खिचड़ी पकाने का प्रयास है।

पंजाब में किसानों के बड़े नेता डा. दर्शन पाल सिंह के बयानों से समझा जा सकता है कि वह इस पूरे आंदोलन में सरकार पर क्यों और कितना हमलावर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अगर मोर्चे की मांगों पर गौर नहीं करती तो आने वाले वक्त में आम चुनाव से पहले ही गुजरात, एमपी और हरियाणा में इसका जवाब हर किसान दे देगा। इस बात को मंच से कई नेताओं ने दोहराया कि सरकार या तो कार्रवाई करे या फिर आने वाले समय में जवाब पाने को तैयार रहे।

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