गोंडा, 19 दिसम्बर 2022 : सपा के पूर्व मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह पर 29 साल पहले हुए जानलेवा हमले के मामले में कैसरगंज से भाजपा सांसद व भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह, ज्ञान सिंह व दीपनरायन उर्फ पहलवान को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है। एमपी/एमएलए फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र गुप्ता ने सोमवार को फैसला सुनाया।
वादी योगेंद्र सिंह ने 24 दिसंबर 1993 को नवाबगंज थाने में मुकदमा कराया था। वादी के अनुसार उनके भतीजे विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह दरवाजे पर खड़े थे। सुबह करीब 7.30 बजे एक कार मारुति सफेद रंग आकर दरवाजे के पास सड़क पर रुकी। गाड़ी से उतरकर चार लोग पंडित सिंह पर फायर करने लगे। वह जान बचाकर घर में भागे और गोली लगने से गिर गए। उन्हें मरा हुआ समझकर आरोपित चले गए।
पुलिस ने विवेचना के बाद बृजभूषण शरण सिंह, ज्ञान सिंह, दीपनरायन यादव उर्फ पहलवान व देवीदत्त सिंह के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियुक्त देवीदत्त सिंह की मौत हो गई थी।
सांसद बोले- सत्य की जीत
अभियोजन पक्ष घटना के समय उक्त लोगों की उपस्थिति साबित करने में असफल रहा। एमपी/एमएलए फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने संदेह का लाभ देते हुए कैसरगंज सांसद समेत तीन लोगों को दोषमुक्त कर दिया है। सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अदालत के फैसले को सत्य की जीत बताया है।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने बचाई थी जान
पूर्व मंत्री स्व. विनोद कुमार सिंह पर वर्ष 1993 में फायरिंग हुई थी तो उन्हें कई गोलियां लग गई थी। उस समय प्रदेश में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने हेलीकाप्टर से पूर्व मंत्री पंडित सिंह को अस्पताल भिजवाया और इलाज करवाया। इससे उस समय गंभीर स्थिति में घायल होने के बाद उनकी जान बच गई थी।
सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम
जानलेवा हमले के फैसले के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कचहरी के मुख्य द्वार पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। वाहनों के साथ आने जाने वालों पर पुलिस का पहरा रहा। इस दौरान मुख्य द्वार व परिसर में कैसरगंज के समर्थक जुटे रहे।
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