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बांदा के मंडल कारागार में अंसारी का हाल जानेंगें तो समझ आएगा “कैसे तार-तार हुआ मुख्तार”



‘मुख्तार दरबार’ लगाने वाला डॉन बांदा जेल में ‘तन्हा’!
-तारबाड़ी में कैद है ऐसे मानो हो कोई हिंसक जानवर
-बाहुबली डॉन को काटने दौड़ रहा मंडल कारागार
-न कोई ‘सलाम’ ठोंक रहा और न कोई कर रहा ‘चाकरी’

ब्रिटिश काल (1860) में बनी बांदा जेल में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को ऐसे रखा गया है जैसे अंग्रेजों के जमाने में गुलामों को रखा जाता था। मुख्तार की बैरक के चारों ओर कटीले तारों की ऐसी तारबाड़ी लगाई गई है जैसे मानो उसके अंदर इंसान नहीं कोई हिंसक जानवर कैद हो। मुख्तार को भी इस बात पर कोई संदेह नहीं रहा होगा कि योगी सरकार में बांदा जेल काटना उसके लिए अब आसान नहीं होगा। हुआ भी यही। सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों की नजर में राज्य मुख्यालय से उसकी हर गतिविधयों पर नजर रखी जा रही है। कल तक प्रदेश की जेलों में मुख्तार दरबार लगाने वाला माफिया डॉन आज खुद तन्हा-तन्हा है।


कल तक प्रदेश की जेलों को अपनी चैपाल समझने वाले माफिया डान मुख्तार अंसारी को पंजाब से बांदा आए अभी सिर्फ एक हफ्ता ही हुआ है लेकिन इतने दिनो में ही वह हाफंता नजर आ रहा है। पंजाब से यूपी वापसी के बाद जब इस माफिया डॉन ने जेल गेट पर पुलिस छावनी देखी थी तो उसके होश उड़ गए।


अबकी नजारा जुदा था। इसके पहले जब वह लखनऊ से बांदा जेल शिफ्ट किया गया था तो कथित तौर पर उसे जेल स्टाफ की ओर से सलाम ठोंका गया था। इस बार मुख्तार अंसारी को यहां कोई भाव नही दिया गया। पिछले 15 सालों से प्रदेश की अलग-अलग जेलो में रहकर ऐशो आराम फरमाते रहे इस डान को अबकी बार मंडल कारागार मानो काटने को दौड़ रहा हो। उसके लिए यहां ऐशो आराम हराम है। साधारण बंदियों की तरह वह मुलाहिजा बैरक नं. 16 में तन्हा है।


एक तो कोरोना के संक्रमणकाल में अन्य बंदियो की तरह ही उसकी भी शुभचिंतको, मद्दगारो और परिजनो से मुलाकात नही हो पा रही, ऊपर से सीसी टीवी और ड्रोन कैमरो की मदद से उसकी पल-पल की गतिविधियों पर राज्य मुख्यालय जेल से नजर रखी जा रही है। इसकी मानीटरिंग भी स्वयं मुख्यमंत्री कर रहे हैं। यही वजह है कि उसे जनप्रतिनिधि होने के बावजूद स्पेशल सुविधाऐं नही मिल रहीं।


पिछली बार यही जेल प्रशासन मुख्तार की जी हुजूरी करने से थकता नही था लेकिन इस बार सभी ने उससे दूरी बनाकर मुंह फेर रखा है। उधर, आलम यह है कि बैरक में अकेले पड़े पड़े उसकी आंखे पथराई जा रहीं है। उसकी सुरक्षा में लगे कैमरो से लैस सुरक्षाकर्मी भी मुख्तार से बात करने से कतरा रहें है। कुल मिलाकर कहा जाए की सवा 7 फुट लंबे इस माफिया डान का कद इस बार यहां मंडल कारागार में काफी गिर गया है तो कोई गलत बात नही होगी।


डॉन को कोस रहे बंदी


मुख्तार अंसारी के बांदा जेल में आते ही पाबंदियां कड़ी कर दिए जाने से जेल में निरुद्ध अन्य बंदियो की आजादी भी छिन गई। जेल सूत्रों की माने तो डान के आने से पहले तमाम प्रभावशाली बंदी दूसरी बैरको तक घूमकर अपने साथियो से मिल आते थे लेकिन अब ऐसे बंदियो का अपनी ही बैरक से बाहर आ पाना मुश्किल हो गया है। अपनी बैरिकों में चोरी छिपे मनचाहा भोजन भी नहीं बना पा रहे। रह-रहकर यह बंदी मुख्तार अंसारी को कोस रहे हैं। जेलकर्मी भी इस माफिया के आने से डबल ड्यूटी करने को मजबूर हैं।



संदीप तिवारी (संवाददाता) (बांदा)
संदीप तिवारी (संवाददाता) (बांदा)


संदीप तिवारी (संवाददाता) (बांदा)

टीम स्टेट टुडे
















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