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नमो वन का लोकार्पण, प्रकृति को बचाने के लिए करना होगा नियमों का पालन-राज्यपाल


कानपुर, 29 अक्टूबर 2022 : उत्तर प्रदेश की राज्यपालआनंदीबेन पटेल नेकहा है किप्रकृति को बचानेके लिए नियमोंका पालन करनाहोगा और यहघर से हीशुरू करना है।इसमें पानी बचानाहै, गंदगी नहींफैलाना है औरपौधे लगाना है।उन्होंने शहर आकररविवार को विजयनगर स्थित ट्रैफिकचिल्ड्रेन पार्क में बनेनमो वन कालोकार्पण किया, जो प्रदेशका पहला मियावाकीपद्वति से बनापार्क है।

उन्होंने कहा किसबसे बड़ा त्योहारछठ पूजा काआज अंतिम दिनहै। नदी केघाट पर जलके बीच पूजाकी जाती है, अगर पानी नहोता तो फिरकैसे पूजा होतीहै। पानी केलिए बरसात काइंतजार करना पड़ताऔर बरसात केलिए पेड़ होनाजरूरी है। प्रकृतिको बचाने केलिए सभी कोजागरूकता के साथचेतना भी लानीहोगी।

उन्होंने कहा, लगातारतापमान बढ़ रहाहै, वैज्ञानिकों कामानना है कियही स्थिति रहीतो 25 साल बादहिमालय पिघल जाएगाबर्फ खत्म होजाएगी। अब इसेबचाने के लिएसभी को आगेआना होगा औरपौधे लगाने होंगे।यहां माली औरकर्मचारी अपना दायित्वसमझ रहे तोहमको भी अपनादायित्व समझना होगा। प्रकृतिको बचाने केलिए नियमों कापालन करना होगाऔर यह घरसे ही शुरूकरना होगा। पानीबचाने, गंदगी न फैलानेऔर पौधे लगानेहोंगे। ट्रैफिक नियमों कापालन न करनेसे दुर्घटनाएं बढ़रही हैं, इसलिएहेलमेट और सीटबेल्ट लगाना जरूरीहै।

राजपाल ने कहाकि दूषित पानीजमीन के अंदरडालने से वहीपानी सबमर्सिबल केमाध्यम से निकालकरलोग पी रहेहै। इससे किडनी, कैंसर और हॉटअटैक के मरीजबढ़ रहे हैं।यह समझना होगाकि विरासत मेंक्या दे रहेहैं, अगर कुछनहीं दे सकतेतो उसे संभालकररखें। उन्होंने कहाकि नमो वनपौधे लगाने वालेमालियों को सरकारीसुविधाएं दीजिए। नगर निगमलखनऊ व काशीमें कार्यक्रम कियाथा, वहां सरकारीसुविधाएं दिलाई गईं हैं।इससे माली केबच्चे पढ़ेंगे तोइंजीनियर-डॉक्टर बनेंगे।

कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीशमहाना ने कहाकि गंगा कीउपेक्षा की तोवह दूर होतीगईं। पर्यावरण कोदुरुस्त रखने केलिए सभी कोजागरूक होना होगा।महापौर प्रमिला पांडेय, सांसदसत्यदेव पचौरी व देवेंद्रसिंह भोले, विधायकनीलिमा कटियार, सुरेंद्र मैथानी, मंडलायुक्त डॉ राजशेखर, नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन मौजूदरहे।

इन पार्कोंका लोकार्पण : अंबेडकरपार्क पनकी, सरायमीतापनकी,गुप्तार घाटशनैश्वर मंदिर मसवानपुर, जागेश्वरअस्पताल गोविंद नगर रतनशूक्लाजूही परमपुरवा।

ऐसा बनाहै पार्क : पार्कके चारों तरफबाउंड्रीवाल का रंगरोगनकराया गया है।यह चिल्ड्रेन ट्रैफिकपार्क था लेकिनरखरखाव न होनेके कारण उजाड़हो गया। अबनगर निगम नेपार्क को मियावकीपद्धति से हराभराकिया है। दोसाल पहले 1.80 लाखपौधे लगाए गएहैं। इससे प्रदूषणपर अंकुश लगेगा।

पार्क में लगेपौधे : अर्जुन, पिलखान, शीशम, गोल्डमोहर, जामुन, मौलश्री, आडू, शहतूत, मेहंदी, तुलसी पारस, अशोक, पीपल, टिकोमा, चंपा आदि केपौधे लगाए गएहै। इसके आलवामसवानपुर के शनैश्वरमंदिर से लगीग्रीन बेल्ट पर, पनकी के अंबेडकरपार्क, जागेश्वर अस्पताल परिसरगोविंद नगर वकिदवईनगर में भीइसी पद्धति सेपौधे लगाए गएहैं।

क्या होतीहै मियावाकी पद्धति

मियावाकी पद्धति काअविष्कार जापान के वनस्पतिशास्त्री मियावकी ने कियाथा। इसमें छोटे-छोटे स्थानोंपर छोटे-छोटेपौधे लगाए जातेहै। जो साधारणपौधों की तुलनामें 10 गुना तेजीसे बढ़ते है।गड्ढा खोदने सेपहले तीन प्रजातियोंकी लिस्ट बनानीहोती है, जिसमेंऐसे पौधे चुनेजाते हैं, जिनकीऊंचाई पेड़ बननेपर अलग-अलगहो सके। इसपद्धति से पौधेकम खराब होतेहैं।

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