@kvikramrao1
शरद पवार उच्च कोटि के गिरगिट हैं। महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में आज फिर एक बार यह साबित कर दिया। वे अब तक चौदह बार चुनाव लड़े हैं। चार बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। सोनिया गांधी के विरोधी पीवी नरसिम्हा राव के मंत्रीमण्डल में कृषि मंत्री बने। आज फिर सोनिया का दामन थामा। पर लज्जास्पद पराजय ही मिली। वे मुख्यमंत्री बनाते बिगाड़ते थे। अब नहीं। निशक्त हो गए।
एक बार का किस्सा मुझे याद आया शिवाजी पार्क दादर (मुंबई) में शिवसेना की विशाल रैली हो रही थी। मराठा हीरो बालासाहेब ठाकरे का भाषण चल रहा था। पत्रकार दीर्घी से "टाइम्स आफ इंडिया" की ओर से रिपोर्टिंग मैं कर रहा था। अचानक कौतुकभरी मुद्रा में माथे पर हथेली रखते बालासाहब ने कहा : "देखो शायद शरद पवार कहीं बैठा तो है।" ठीक कुछ दिन बाद कांग्रेस छोड़कर पवार विरोधी पार्टियों में आ गए।
पार्टी को पवार ने वस्तुतः अपना परिवार बना डाला। पुत्री सुप्रिया सांसद है और पार्टी प्रमुख भी। न जाने क्यों भतीजा अजित पवार दो बार छोड़कर गया। लौटा तो फिर गया। आज चाचा के दलबदलू पदों पर चल रहा है।
यूं अवसर के मुताबिक शरद पवार के तेवर भी नरम-गरम रहते हैं। जब सोनिया कांग्रेस अध्यक्ष बनी, तो शरद पवार और पीए संग्मा ने घोषित कर डाला था कि कांग्रेस अध्यक्ष विदेशी है। अतः राष्ट्रवादी कांग्रेस की स्थापना कर दी। मगर चंद महीनों बाद यही इतालवी-नेत्री पवार को भारतीय लगने लगी।
मौजूदा निर्वाचन में शरद पवार ने चेतावनी दी थी कि "मुझसे पंगा लेना भारी पड़ सकता है। जिन लोगों ने मेरा साथ विश्वासघात किया है उन्हें सबक सिखाना जरूरी है।" चुनाव के नतीजे सामने आए तो शरद पवार की पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है। शरद पवार की पार्टी को महज 12 सीटों पर जीत मिली तो क्या 84 साल के शरद पवार अब राजनीति से संन्यास लेंगे? क्या यह उनका आखिरी चुनाव होकर रह जाएगा ?
शरद पवार को याद दिला दें कि पश्चिमी अफ्रीकी गणराज्य सेनेगल की भाषा में कहावत है : "गिरगिट पृथ्वी के अनुरूप रंग बदलता है, पृथ्वी गिरगिट के अनुरूप रंग नहीं बदलती।"
सेनेगल से सटा हुआ अतलांतिक महासागर मुंबई के अरब सागर से कितना दूर है ? आज तक कोई भी समुद्रशास्त्री इसका नहीं पता लगा पाया। शरद पवार और गिरगिट कि तरह !
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