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ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत ने देश और पीएम मोदी की कुंडली के बड़े रहस्य से उठा दिया पर्दा



कोरोना के संकट भरे दौर के बीच देश और देशवासी हिम्मत के साथ जीने की जद्दोजहद कर रहे हैं। आये दिन आने वाले भूकम्प के झटके, बाढ़ और दूसरी प्राकृतिक आपदाओं के साथ बॉर्डर पर चीन, पाकिस्तान और नेपाल के साथ तनाव देश और देश के नेतृत्व के सब्र की परीक्षा ले रहा है।

स्टेट टुडे ने अपनी पिछली ज्योतिषीय सीरीज में भी विश्व विख्यात ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत जी की ज्योतिषीय गणनाओं से आपको रूबरू कराया है। हाल ही में इंदुसुत जी ने देश और पीएम नरेंद्र मोदी की कुंडली को लेकर जो ख़ुलासे किये वो बेहद आश्चर्य चकित करने वाले हैं।

विभोर इंदुसूत जी के मुताबिक स्वतंत्र भारत की जन्मपत्रिका वृष लग्न और कर्क राशि की है। भारत की कुंडली के तृतीय यानी पराक्रम स्थान पर पंचग्रही योग है। इसी के चलते देश और सेना ने भारत के संम्मान को कभी झुकने नहीं दिया। भारत की कुंडली में तृतीय भाव में सूर्य और शनि युद्धावस्था में हैं इसीलिए पड़ोसियों विशेषकर चीन और पाकिस्तान से भारत के सम्बन्ध सदैव तनावपूर्ण रहे।


बीते साल 11 दिसंबर 2019 को भारत की कुंडली में चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा शुरू हुई जो 11 जुलाई 2021 को समाप्त होगी। इसी चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा शुरू होने के बाद से देश को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें कोरोना का भारत में प्रवेश और पूरे देश में फैल जाना शामिल है। बीते कुछ महीनों की बात करें तो 29 मार्च 2020 को देवगुरु बृहस्पति धनुराशि से अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश कर गए जिसके बाद कोरोना का संक्रमण व्यापक रूप से पूरे देश में व्याप्त हो गया। इसके बाद 11 मई को शनि और 14 मई को बृहस्पति के वक्री हो जाने के चलते भारत मे कोरोना को लेकर तनावपूर्ण स्थिति बनती चली गई।

इसके बाद जून में 5 जून को उपछाया चंद्रग्रहण और 21 जून को पूर्ण सूर्यग्रहण के कारण भूकम्प और चीन के साथ सीमा पर तनाव की स्थिति सामने आई। 15 जून को चीन के कायराना और कपटपूर्ण हमले में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए लेकिन भारत की कुंडली में तीसरे भाव में मौजूद पंचग्रही योग के चलते भारतीय सैनिकों ने दुगने से ज्यादा चीनी सैनिकों को मार गिराया। एक महीने के भीतर तीन ग्रहण होने से लोगों में डिप्रेशन और सुसाइड के मामले देखे गए। अब चूंकि 30 जून को बृहस्पति वक्री होकर मकर राशि से धनु राशि मे प्रवेश कर गए हैं, जहां केतु पहले से ही स्थित है, धनु राशि में बृहस्पति का आना भारतवर्ष के लिए सकारात्मक परिणाम देगा। यही नहीं पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत चीन पर कूटनीतिक दबाव बनाने में भी कामयाब साबित होगा। इसी के साथ भारत कोरोना की दवाई या वैक्सीन बनाने में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा।

वर्तमान में देश की कुंडली पर नज़र डालें तो गोचर में कालसर्प योग चल रहा है। 16 जुलाई को सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और इसके बाद गोचर से काल सर्प योग की समाप्ति हो जाएगी। इसके बाद भारत सरकार कुछ चौंकाने वाले कड़े निर्णय ले सकती है।

बात पीएम नरेंद्र मोदी की कुंडली की करें तो 8 जून 2020 को उनकी कुंडली में चंद्रमा की महादशा में सूर्य का अंतर शुरू हो चुका है। सूर्य मोदी जी की कुंडली में ग्यारवें भाव में बेहद शुभ स्थिति में है। दिसंबर 2020 में पीएम मोदी की कुंडली में लग्नेश मंगल की महादशा शुरू होगी जिसके बाद उनके नेतृत्व में भारत विश्व स्तर पर अपना नाम ऊंचा करेगा। पीएम मोदी एक विश्वनेता के तौर पर उभरेंगे।

उपायों की चर्चा करते हुए ज्योतिषाचार्य


विभोर इंदुसूत जी बताते हैं कि संकटकाल में हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी होती है। नित्य हनुमान चालीसा के पाठ के साथ ही मंगलवार और शनिवार को घर के पूजा घर में घी का दीपक जलाने के साथ सुंदरकांड का पाठ करने से बड़े से बड़े संकट पर विजय प्राप्त की जा सकती है।


टीम स्टेट टुडे



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