बहराइच के थाना जरवल क्षेत्र के करनई डीहा गांव के रहने वाले द्वारिका प्रसाद राव नाम के एक दलित ग्राम प्रधान की हत्या का मामला BSP सुप्रीमों मायावती के tweet के बाद एक बार फिर गर्मा गया है। मृतक का पूरा परिवार आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर बीते 29 जुलाई से लगातार धरना दे रहा है। अब इस मामले में बहराइच की पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले ने मृतक के परिजनों के साथ धरने पर बैठ कर इंसाफ की मांग कर रही हैं।
बहराइच की पूर्व सांसद व 'कांशीराम बहुजन मूल निवासी पार्टी' की राष्ट्रीय अध्यक्ष सावित्री बाई फुले SP कार्यालय के पास स्थित शहीद पार्क पर धरने पर बैठी हुई हैं। सावित्री बाई फुले का आरोप है कि करनईडीहा गांव के दलित ग्राम प्रधान द्वारिका प्रसाद राव सामान्य सीट पर चुनाव जीत कर प्रधान निर्वाचित हुए थे जिनकी 17 जून को चुनावी रंजिश में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले के नामजद आरोपियों के खिलाफ थाना
जरवल की पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही, बल्कि उल्टा पीड़ित परिजनों को परेशान कर रही है।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि ग्राम प्रधान के चुनाव की रंजिश को लेकर ग्राम प्रधान की हत्या की गई है और वारदात के डेढ़ महीने बाद भी नामजद अभियुक्त खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार को धमकी दे रहे हैं। पीड़ित पक्ष की मांग है कि आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसचित जनजाति अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी हो। इसी मामले को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को ट्वीट कर मामले पर गहरा दुःख जताया था। जिसमें उन्होंने कहा था "दलित प्रधान की हत्या में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पीड़ित परिवार जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठ रहा है, लेकिन प्रदेश सरकार खामोश है, यह अति दुखद है।" आज यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया जब कांशीराम बहुजन मूल निवासी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बहराइच की पूर्व सांसद सावित्रीबाई फुले पुलिस द्वारा कार्यवाही न करने के विरोध में मृतक के परिजनों के साथ धरने में शामिल हो गयीं ।
वहीं पूर्व सांसद का कहना है कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो ये विरोध प्रदर्शन काफी बड़ा होगा, पूरे बहराइच को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
इस मामले में SP बहराइच सुजाता सिंह का कहना है कि घटनास्थल का क्राईमसीन रिक्रिएट कर मामले के साक्ष्य संकलन की करवाही की जा रही है। एक्सपर्ट की रिपोर्ट पर वादी और आरोपी दोनों पक्षों का नार्को टेस्ट कराने के लिये न्यायालय पर अर्जी डाली गयी है लेकिन पीड़ित पक्ष नार्को टेस्ट के लिये सहयोग नहीं कर रहा।
टीम स्टेट टुडे
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