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समाज कल्याण की भावना से निर्माण करता है “यूपीसिडको” – शिवप्रसाद (प्रबंध निदेशक)



उत्तर प्रदेश में कई ऐसे विभाग हैं जिन्होंने नई उंचाईयां छूने के प्रयास में कुछ अलग और बेहतर करने की ठानी। उत्तर प्रदेश का समाज कल्याण विभाग भी ऐसे ही विभागों में से एक है। समाज के वंचित वर्ग की प्रगति को निरंतर गति देने वाले इस विभाग का एक उपक्रम ऐसा है जिसके काम ना सिर्फ बेजोड़ हैं बल्कि प्रदेश के विकास और नवनिर्माण में नए आयाम स्थापित कर रहा है।


हम बात कर रहे हैं यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कार्पोरेशन लिमिटेड यानी यूपीसिडको की। पहले इस विभाग को समाज कल्याण निर्माण निगम के नाम से जाना जाता था जो समाज कल्याण विभाग की ही एक इकाई है।


2017 में योगी सरकार बनने के बाद यूपीसिडको ने प्रदेश के नवनिर्माण में महती भूमिका निभाई है। वर्तमान में यूपीसिडको के प्रबंध निदेशक का दायित्व आई.ए.एस. शिवप्रसाद जी के पास है। जिनके नेतृत्व में प्रदेश सरकार के कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट समयबद्ध तरीके से उच्च कोटि के निर्माण के साथ पूर्ण हुए हैं।


प्रबंध निदेशक का संक्षिप्त परिचय


बुंदेलखंड से ताल्लुक रखने वाले शिवप्रसाद जी छात्र जीवन से ही अपनी लगन और मेहनत के दम सफलताएं अर्जित करते रहे। 1989 से लेकर 1996 तक कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज विभाग में सेवारत रहे। इसी दौरान उन्होंने पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की और 1992 में प्रदेश सेवा में आए। 2012 में आपकी क्षमता, दक्षता और अनुभव के आधार पर आईएएस का बैच अलॉट हुआ।




विभागीय गतिविधियों एवं योगी सरकार की विविध उपलब्धियों पर विशेष कवरेज कर रहे स्टेट टुडे टीवी ने यूपी सिडको के प्रबंध निदेशक शिवप्रसाद जी का विशेष साक्षात्कार किया। इस इंटरव्यू को आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर देख भी सकते हैं।





प्रश्न - यूपी सिडको की छवि लगातार निखरती जा रही है कुछ समय पहले आपने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए वह किस तरह के मैटर थे। 

उत्तर – महाराष्ट्र में हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा है। जहां 2009 में यूपीसिडको को कुछ निर्माण कार्य कराने थे। 2009 से 2015 के बीच में हमारे इंजीनियर्स के द्वारा ठेकेदारों को करीब 5 करोड़ रुपए का एडवांस भुगतान करने के साथ ही इसे कार्य में बुक कर दिया गया। जब यह जानकारी मुझे मिली तो इसकी एक विस्तृत जांच कराई। जांच के उपरांत 6 लोग दोषी पाए गए। जिसमें तीन लोग रिटायर हो गए थे और तीन वर्तमान में कार्यरत थे। जिनमें एक चीफ इंजीनियर, एक अधीक्षण अभियंता और एक असिस्टेंट इंजीनियर हैं जिन्हें निलंबित किया गया जबकि रिटायर हो चुके तीन अधिकारियों के साथ साथ दो अन्य ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई और नियम सम्मत कार्रवाई के आदेश दिए गए।


प्रश्न - किसी भी सरकार से जनता विकास की उम्मीद करती है। योगी सरकार के कार्यकाल की विभिन्न उपलब्धियां लोगों के सामने रखी जा रही हैं। आप के विभाग की महत्वपूर्ण उपलब्धियां क्या रहीं है।


उत्तर - हमारा उद्देश्य और नीति रही है भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस। यही सरकार का भी उद्देश्य है। इसी को सूत्रवाक्य मानकर हम लोग काम करते हैं कि कोई भी गलती ना हो और हमारे कार्य समयबद्ध तरीके से उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे हों।


यूपी सिडको ने मेरठ कृषि विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी का निर्माण कराया है। जिसका उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री जी ने किया। यह बहुत ही उत्कृष्ट कोटि की बनी हुई लाइब्रेरी है। इस निर्माण कार्य की भव्यता की प्रशंसा स्वयं मुख्यमंत्री जी ने भी की है। इसके अलावा अलग अलग जिलों और यहां तक कि अन्य राज्यों में भी नवोदय विद्यालय, आश्रम पद्तियति विद्यालय , केंद्रीय विद्यालय, इंटर कॉलेज, मेडिकल कालेज और बहुत सारे अन्य प्रोजेक्ट्स उत्कृष्ट कोटि के निर्माण के साथ पूर्ण कराए गए हैं। हम लोगों ने पूरी निष्ठा के साथ इनकी गुणवत्ता पर खासतौर से फोकस किया है। हमारे यहां अपनी एक प्रयोग शाला है जहां सतत रुप से अपने मेटेरियल की जांच करते रहते हैं। इसके साथ साथ आईटीआई से आईआईटी से भी यह प्रक्रिया पूर्ण कराई जाती है।

थर्ड पार्टी से इंस्पेक्शन के साथ साथ हमारे चीफ इंजीनियर्स और इंजीनियर्स की ड्यूटी है कि नियमति रुप से प्रोज्क्ट्स की जांच हो और समय पर उन्हें पूर्ण कराया जाए। समय समय पर मैं भी जाकर देखता हूं और आवश्यक सपोर्ट उपलब्ध कराता हूं।




प्रश्न - यूपी सिडको महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर बना रहा है। इसकी प्रदेश में बड़ी चर्चा है यह क्या है। साथ ही विभाग ने किन प्रोजेक्ट्स को पूरा किया है।

उत्तर - यूपी सिडको द्वारा महिला कल्याण विभाग के अन्तर्गत महिलाओं के लिए बनाए जा रहे वन स्टॉप सेंटर जिनका उपनाम सकी वन स्टॉप सेंटर हैं। इसके अनतर्गत पीड़ित महिलाओं के लिए कार्यालय कक्ष के अतिरिक्त परामर्श कक्ष, अलापावास गृह कक्ष, पुलिस फैसेलिटेशन कक्ष, तथा मेडिकल सुविधा कक्ष इस प्रकार कुल पांच कक्ष , पांच बेल के अलापावास गृह (स्वच्छ शौचालय सहित) व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में 4 जिलों में वन स्टॉप सेंटर बन रहे हैं। 

वर्ष 2017 के बाद यूपी सिडकों द्वार बस स्टेशन लोनी, सिकंदराबाद, बुलंदशहर , खुर्जा, अलीगढ़, बहराइच, बांदा, चित्रकूट , कानपुर आदि में कार्य पूर्ण किए हैं। राजस्व विभाग के मंडलायुक्त कार्यालय बस्ती को हस्तांतरित किया गया है। चौक स्टेडियम लखनऊ, रेसलिंग हॉल, साई लखनू, केंद्रीय पुस्ताकालय मेरठ, आरआरआईडी ट्रेनिंग सेंटर गाजियाबाद, आईटीआई चार नग राजकीय पॉलीटेक्निक बछरावां, राजकीय पालीटेक्निक आगरा, विभिन्न जनपदों में निर्वाचन विभाग के वीवीपैट एवं ईवीएम गोडाउन के 15 नग कार्य हस्तान्तरित किए गए हैं। 


प्रश्न - भारतीय जनता पार्टी के लिए अटल बिहारी वाजपेई का जो काम है वह किसी से छिपा नहीं है दो प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं जो वर्तमान में अटल जी के नाम पर चल रहे हैं एक अयोध्या में एक आगरा में अटल बिहारी वाजपेई स्मारक और अचल बिहारी तुलसी स्मारक के बारे में बताइए ।


उत्तर – माननीय अटल बिहारी बावजेई की जन्मस्थली बटेश्वर बॉह है। अटल जी की स्मृति में स्थानीय निवासियों को सुविधा प्रदान करने के लिए एक वृहद हॉल के साथ लाइब्रेरी एवं किटन का निर्माण कार्य कराया जाएगा। उक्त से साल में लगने वाले पशु मेले के अन्तर्गत उक्त का उपयोग स्थानीय जनता द्वारा किया जाएगा तथा स्थानीय जनता द्वारा सामाजिक कार्यक्रम जैसे विवाह, गोष्ठी, भजन, पूजन आदि में किया जाएगा। स्थानीय जनता द्वारा माननीय अटल जी की याद में बनी लाइब्रेरी में रखी जाने वाली पुस्तकों से ज्ञानार्जन होगा। साथ ही स्थानीय संस्कृति को भी संरक्षित किया जा सकेगा।


जनपद अयोध्या में स्थित अयोध्या सोध संस्थान के तुलसी स्मारक भवन के विस्तारीकरण का कार्य जिसमें मुख्य रुप से पुस्तकालय एवं कलाकारों के रुकने के लिए डॉरमेट्री के साथ साथ भारतीय रामलीला आयोजन से संबंधित मुखौटे, वेष-भूषा हेतु बीथिका, वेष-भूषा बीथिका, संग्रहालय का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।




प्रश्न - उत्तर प्रदेश के विकास में यूपी सिडको कितना राजस्व देता है और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए क्या साधन अपनाता है। योगी सरकार की कौन सी फ्लैगशिप योजनाएं पूर्ण हुई हैं। 

उत्तर - यूपीसिडको औसतन सात सौ से सात सौ पचास करोड़ काक काम सालाना करता है। इस साल हमारा टार्गेट करीब एक हजार करोड़ पार करने का था लेकिन कोविड-19 के कारण यह कार्य काफी प्रभावित हुआ है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के चलते करीब चार पांच महीने काम बंद रहा है जिससे हमारा लक्ष्य प्रभावित होने की पूरी संभावना है। प्रवासी कामगारों के यूपी लौटने के बाद लॉकडाउन खत्म होने के बाद रोजगार की भी समस्या उत्पन्न हुई। ऐसे में हम लोगों ने बाहर से आए कामगारों को अपने प्रोजेक्ट्स में करीब चालीस प्रतिशत तक अपने कार्य में लगाया और उन सब को विधिवत रोजगार दिया। आज भी हम लोग ज्यादातर ऐसे लोगों को रखते हैं जो बेरोजगार हैं लेकिन शिक्षित हैं। बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो स्किल्ड हैं ऐसे लोगों को उनकी योग्यता और दक्षता के हिसाब से रोजगार उपलब्ध कराते हैं। 

प्रश्न - यूपी सिडको एक तरफ लोगों को रोजगार दे रहा है लेकिन विभाग में लोगों की कमी भी सामने आ रही है किस तरीके की अड़चनें हैं।


उत्तर - दरअसल यूपीसिडको बनने के बाद से नई भर्तियां नहीं हुई हैं। करीब तीन चौथाई स्टाफ रिटायर भी हुआ है। ऐसे में हमारे पास स्टाफ की बहुत कमी है। जो पुराने लोग हैं उनमें भी हर महीने सौ-पचास लोग रिटायर हो जाते हैं। जिससे लोगों की काफी कमी हो गई है। इसका असर हमारी कार्य पर भी पड़ता है बावजूद इसके हम भरसक कोशिश करते हैं कि समयबद्ध तरीके कार्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने का प्रयास करते हैं।



प्रश्न - सक्षम नेतृत्व ही किसी विभाग को संस्था को आगे लेकर जाता है विभाग को लेकर आपके लक्ष्य क्या हैं।

उत्तर - इस विभाग को लेकर हमारा उद्देश्य यह है कि हमारा काम किसी तरीके से प्रभावित ना हो यद्यपि कर्मचारियों की कमी है लेकिन हम लोग आउटसोर्सिंग और अन्य माध्यमों से पूर्ति कर अपने लक्ष्य की ओर सतत बढ़ने की सोच रहे हैं। हमने लक्ष्य निर्धारित किया था वो 1000 करोड़ का था इसे पूरा करने का प्रयास हो रहा है। हम लोगों ने प्रयास किया है कि समाज कल्याण विभाग के सचिव और मंत्री जी विभाग से जुड़े सभी कार्य हम लोगों को दें। इस पर सहमति भी बनी है। समाज कल्याण विभाग के जो भी कार्य मिलेंगे वह हम लोग करेंगे ही करेंगे साथ ही अन्य विभागों के भी जो कार्य मिलेंगे वह भी हम लोग करेंगे। कर्मचारियों की कमी हम काम में आड़े नहीं आने देंगे और अपने लक्ष्य पूरा करेंगें।

प्रश्न - प्रबंध निदेशक की तरफ से उत्तर प्रदेश स्टेट कांस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए क्या संदेश है।


उत्तर – हमने सब से कह रखा है कि नो कॉम्प्रोमाइज़। हम अपने काम में उसकी गुणवत्ता से समझौता नहीं कर सकते। काम पूरा करने की जो डेडलाइन तय होती है उसी के भीतर काम को पूरा करना हमारी प्राथमिकता है। हम अपने कर्मचारियों - अधिकारियों को मोटिवेट करते हैं कि हम सबने जो लक्ष्य तय किया है उसमें हम सफल होंगे।




प्रश्न - वर्मतान योगी सरकार में आपके विभाग के नाम कई उपलब्धियां जुड़ी हैं। आपको माननीय मुख्यमंत्री जी और विभाग के मंत्री की तरफ से किस तरह से मार्गदर्शन मिलता है। 

उत्तर - माननीय मुख्यमंत्री जी एवं माननीय हमारे कैबिनेट मंत्री जी इन दोनों का सीधा निर्देश है किसी भी प्रकार की कोई भी गड़बड़ी के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। हमें अपने लक्ष्य को पूरा करना है और पूरी निष्ठा के साथ पूरी ईमानदारी के साथ करना है। हमारा सीधा सा मैसेज अपने सभी सबोर्डिनेट अधिकारियों एवं कर्मचारियों और साथियों को है कि इसमें किसी भी प्रकार की कोई कमी ना आने पाए और कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए जीरो टॉलरेंस यानी जीरो टॉलरेंस।




टीम स्टेट टुडे

(रिपोर्ट - शेखर आनंद त्रिवेदी)


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