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क्या है यूपीसिडको ?



उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं विमुक्त जाति के वर्मगों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए जो योजनाएं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं उनके अनतर्गत बहुत से निर्माण कार्य भी कराए जा रहे हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा इन वर्गों के कल्याण के लिए जो योजनाएं बनाई गई हैं उनके प्रस्तावित निर्माण कार्यों को कराये जाने के लिए एक स्वतंत्र निगम की स्थापना कीआवश्यकता अनुभव हुई। वर्ष 1976 में हरिजन एवं निर्बल वर्ग आवास निगम लिमिटेड का गठन किया गया। निगम द्वारा 1980 से निर्माण एजेंसी के रुप में निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं।


नगम का उद्देश्य अधिक से अधिक निरमाण कार्य प्राप्त करना ही नहीं रहा बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि जो कार्य निगम द्वारा कराये जाएं उनका गुणात्मक स्तर उच्च कोटि का हो एवं संख्यात्मक दृष्टि से कार्य की मात्रा निर्धारित किए गए मानकों से कम ना हो।


यह भी पढ़ें -समाज कल्याण की भावना से निर्माण करता है “यूपीसिडको” – शिवप्रसाद (प्रबंध निदेशक)
https://www.statetodaytv.com/post/upscidc-up-state-construction-and-infrastructure-development-corporation-limited-samaj-kalyan-vibhag 

कालांतर में निगम का नाम बदल कर उत्तर प्रदेश कल्यण निर्माण निगम किया गया जिसे फिर बदल कर वर्तमान में यू.पी.स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड यानी यूपीसिडको के नाम से जाना जाता है।


देखिए यूपीसिडको के प्रबंध निदेशक शिवप्रसाद जी से विशेष साक्षात्कार



उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जनपदों में निगम की निर्माण इकाइयां स्थापित हैं। निगम द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य में प्रयुक्त की जा रही सामग्री की गुणवत्ता की जांच के लिए निगम मुख्यालय लखनऊ में प्रयोगशाला भी बनी है जहां समय समय पर निर्माण सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच की जाती है। निगम के तकनीकी अधिकारियों को शासन स्तर से तकनीकी स्वीकृति अधिकार भी प्राप्त है। यह निगम आई.एस.ओ. 9001-2015 प्रमाणित संस्था है।

टीम स्टेट टुडे


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