![](https://static.wixstatic.com/media/c167e8_488716b97880489bb0d5354bb9ea98fc~mv2.jpeg/v1/fill/w_147,h_84,al_c,q_80,usm_0.66_1.00_0.01,blur_2,enc_auto/c167e8_488716b97880489bb0d5354bb9ea98fc~mv2.jpeg)
श्री रमेश पोखरियाल निशंक
शिक्षा मंत्री
भारत सरकार
प्रिय रमेश पोखरियाल जी,
कोरोना के बढ़ते मामलों एवं उससे पैदा हुई भयावह स्थिति के बीच सीबीएसई द्वारा मई में परीक्षाएं कराने को लेकर निकाला गया सर्कुलर हैरान करने वाला है। पूरे देश में रोजाना कोरोना के लगभग 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ये परीक्षाएं छात्रों का भविष्य निर्धारित करती हैं। इन परीक्षाओं के लिए छात्र कई महीनों तक कड़े परिश्रम के साथ तैयारी करते हैं। देश भर से लाखों छात्रों व अभिवावकों ने कोरोना की इस दूसरी लहर के दौरान परीक्षा हाल में बैठकर परीक्षा देने को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं।
उनके द्वारा जाहिर की गई चिंताएं तार्किक रूप से एकदम सही हैं। परीक्षार्थियों और सहायक स्टाफ से भरे परीक्षा केन्द्रों पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना काफी मुश्किल होगा। साथ ही साथ कोरोना वायरस की प्रकृति एवं संक्रमण के तरीके को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि इससे शिक्षकों, निरीक्षकों व छात्रों के परिवारों पर भी संक्रमण का खतरा मंडराता रहेगा। अगर कोरोना वायरस संक्रमण की इस भयावह स्थिति में कोई भी परीक्षा केंद्र हॉटस्पॉट बनता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार व सीबीएसई बोर्ड की होगी। विद्यार्थियों उनके परिवार या शिक्षकों के संक्रमित होने की दशा में क्या सीबीएसई बोर्ड एवं सरकार उसकी कानूनी जवाबदेही लेने के लिए तैयार है?
![](https://static.wixstatic.com/media/c167e8_ce170110b6744f9b99dd1166de72abde~mv2.jpeg/v1/fill/w_126,h_184,al_c,q_80,usm_0.66_1.00_0.01,blur_2,enc_auto/c167e8_ce170110b6744f9b99dd1166de72abde~mv2.jpeg)
मैं पूरे आदर के साथ आपसे कहना चाहती हूँ कि जनसेवक होने के नाते बच्चों को सुरक्षित रखने एवं उनको सही मार्गदर्शन देने की जिम्मेदारी हमारे कन्धों पर है। जब देश के सारे राज्य भारी संख्या में लोगों के एक जगह पर न एकत्रित होने जैसी गाइडलाइंस निकाल रहे हैं, ऐसे में हम किस तर्क के तहत इन परीक्षाओं को कराने जा रहे हैं। जिन स्थितियों में हम इन छात्रों पर ये परीक्षाएं लाद रहे हैं इससे उनके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ- साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन पर वैसे ही परीक्षाओं का दबाव रहता है और अब उन्हें एक अतिरिक्त दबाव में परीक्षा देना होगा। मास्क, दस्ताने व सुरक्षा के अन्य उपकरण पहनकर एक खतरनाक वायरस के साये में परीक्षा देने से छात्रों की परीक्षाओं में अपनी प्रतिभा दिखाने की क्षमता पर भी नकारात्मक असर होगा।
![](https://static.wixstatic.com/media/c167e8_94b740c7fa92447ba353a8deb14d572e~mv2.jpeg/v1/fill/w_137,h_182,al_c,q_80,usm_0.66_1.00_0.01,blur_2,enc_auto/c167e8_94b740c7fa92447ba353a8deb14d572e~mv2.jpeg)
वर्तमान परिस्थितियों में छात्रों द्वारा परीक्षाओं को रद्द करने की मांग एकदम सही है। मुझे आशा है कि केंद्र सरकार छात्रों, शिक्षकों, विशेषज्ञों व अभिवावकों के साथ एक संवाद करके मूल्यांकन के वैकल्पिक व सुरक्षित तरीकों को निकाल सकती है। छात्रों को भयावह परिस्थतियों में धकेलने की बजाय उनको मदद, उत्साहवर्धन एवं सुरक्षा देना ज्यादा हितकारी होगा।
धन्यवाद
प्रियंका गांधी वाड्रा
![विज्ञापन](https://static.wixstatic.com/media/c167e8_478d0197c80a483fa6b24b1f708de7fc~mv2.jpeg/v1/fill/w_147,h_190,al_c,q_80,usm_0.66_1.00_0.01,blur_2,enc_auto/c167e8_478d0197c80a483fa6b24b1f708de7fc~mv2.jpeg)