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बहुत बड़ा मकसद है पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड की कमान सौंपने के पीछे



उत्तराखंड को 11 वां मुख्यमंत्री मिल गया। ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से लगातार दो बार विधायक चुने गए पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। रविवार को शपथ लेने के साथ ही धामी प्रदेश के सबसे कम उम्र के सीएम होंगे।


शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगी। सर्वसम्मति से धामी के नाम को चुना गया। केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय मंत्री एनएस तोमर, राष्ट्रीय महासचिव डी पुरंदेश्वरी के साथ प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम प्रदेश मुख्यालय पर मौजूद रहे।


भाजपा सांसद अजय भट्ट ने पुष्कर सिंह धामी के विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने के बाद कहा कि हम इस फैसले से खुश हैं। हमें एक युवा नेता मिला है। बेहतर अंतर से 2022 विधानसभा चुनाव जीतेंगे।


कौन हैं पुष्कर सिंह धामी


उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनका जन्म पिथौरागढ की ग्राम सभा टुंडी, तहसील डीडीहाट में हुआ। उनके पिता भारतीय सेना को अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पिथौरागढ़ के कनालीछीना में 16 सितंबर, 1975 में जन्मे पुष्कर सिंह धामी का कर्म स्थान तराई क्षेत्र खटीमा है। पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। उनके तीन बहने हैं।


पुष्कर धामी की मां विश्ना देवी एक धर्मपरायण, मृदुभाषी और अपने परिवार के प्रति समर्पित घरेलू महिला थीं। धामी को बचपन से ही स्काउट गाइड, एनसीसी, एनएसएस आदि शाखाओं में प्रतिभाग और समाजिक कार्यो को करने की भावना रही। लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों को एक जुट करके निरन्तर संधर्षशाील रहते हुए उनके शैक्षिणक हितों की लड़ाई लडते हुए उनके अधिकार दिलाये गये तथा शिक्षा व्यवस्था के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से मानव संसाधन व औद्योगिक विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।


सन 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों पर रहे। प्रदेश मंत्री के तौर पर लखनऊ में हुये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में संयोजक एवं संचालन कर प्रमुख भूमिका निभाई।


राज्य की भौगोलिक परिस्थियों को नजदीक से समझते हुए क्षेत्रीय समस्याओं की समझ और उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री के साथ एक अनुभवी सलाहकार के रूप में 2002 तक कार्य किया। 2002 से 2008 तक दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।


पुष्कर धामी बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। 33 वर्ष तक संघ के साथ रहते हुए राष्ट्र सेवा के कार्यों से जुड़े रहे। 10 वर्ष वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहे। भाजपा के इस आनुषांगिक संगठन के साथ जुड़कर लखनऊ विश्वविद्यालय से लेकर अवध प्रांत में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किए।


संक्षिप्त परिचय

विधान सभा का नाम : 70, विधान सभा क्षेत्र, खटीमा
माता का नाम : श्रीमती विश्ना देवी
पत्नी का नाम : श्रीमती गीता धामी
शैक्षिक योग्यता : (क) शैक्षणिक योग्यता - स्नातकोत्तर
(ख) व्यावसायिक - मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध के मास्टर
जन्म तिथि : 16.09.1975
राजनितिक दल का नाम : भारतीय जनता पार्टी

संपर्क में बने रहना उनकी आदत


धामी की एक खास आदत रही है। जब भी वह किसी से मिलते थे, वह हमेशा उससे कनेक्ट रहने की कोशिश करते थे। यही कारण था कि उनका विशाल नेटवर्क न केवल उत्तराखंड में बल्कि देश-दुनिया में थी है।


क्यों चुने गए धामी


पुष्कर सिंह धामी के नाम पर भले ही विधायक दल की बैठक में मुहर लगी हो और सर्वसम्मति से वो नेता चुने गए हों लेकिन धामी पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। अब 2022 के विधानसभा चुनाव धामी की अगुवाई में ही होंगे। उत्तराखंड के सियासी गुणा गणित को देखते हुए खास मकसद के साथ उन्हें कमान सौंपी गई है। जिसमें युवा चेहरा भी है, सैन्य पारिवारिक पृष्ठभूमि भी है और एक उम्मीद भी।


टीम स्टेटु टुडे


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