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राहुल गांधी की स्पीच पर संसद टीवी का 'सेंसर'


कानपुर, 10 अगस्त 2023 : एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी बात रखी। हालांकि, मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कई ऐसी बातें भी कही, जिसपर भाजपा सासंदों ने आपत्ति जाहिर की।

राहुल गांधी ने तल्ख लहजे में मोदी सरकार के खिलाफ प्रहार करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने मणिपुर में भारत माता की हत्या की। वहीं, उन्होंने मोदी सरकार को 'देशद्रोही' तक करार दे दिया।

संसद टीवी के फैसले पर कांग्रेस नेता ने जताई आपत्ति

गौरतलब है कि लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सांसद के भाषण के कुछ हिस्सों को संसद टीवी ने काट दिए। गुरुवार को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी ने संसद में कोई असंसदीय शब्दों का इस्मेमाल नहीं किया।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा,"राहुल गांधी ने किसी असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया है...राहुल गांधी ने कहा कि भारत माता को अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 'भारत माता' कहना हर नागरिक का अधिकार है।

अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि मैंने इस मुद्दे को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के समक्ष उठाया है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि वह इस पर गौर करेंगे।

संसद टीवी स्पीकर के नियंत्रण में नहीं: प्रह्लाद जोशी

राहुल गांधी के भाषण के कुछ हिस्सों को संसद टीवी द्वारा काटे जाने को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,"संसद टीवी स्पीकर के नियंत्रण में नहीं है और हमारे नियंत्रण में भी नहीं है। इसलिए हमें नहीं पता कि क्या हुआ। अगर कुछ भी असंसदीय कहा जाता है तो उसे हटा दिया जाता है और यह एक पुरानी प्रथा रही है।'

शशि थरूर ने दी अपनी प्रतिक्रिया

वहीं, इस मामले पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'भारत माता की हत्या' (कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के भाषण से) आदि जैसे हटा हटा दिया गया है, जो गलत है। ' लोकतंत्र की हत्या' शब्द का उपयोग रूपक है। ' लोकतंत्र की हत्या' मतलब है कि भारत के विचार को नष्ट किया जा रहा है। वहीं, उन्होंने आगे कहा कि वहीं, जब स्मृति ईरानी ने इन शब्दों का इस्तमेाल किया तो उसे संसद टीवी ने नहीं हटाया।

संसद में नहीं है देशद्रोही जैसे शब्दों को बेलने की इजाजत

गौरतलब है कि 'देशद्रोही' (गद्दार), 'तानाशाह' (तानाशाह) आदि जैसे शब्दों को सरकार ने 2022 में 'असंसदीय' माना था और संसद में ऐसे शब्दों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

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