लखनऊ, 14 जुलाई 2022 : गत वर्ष छह दिसंबर को हिंदू धर्म स्वीकार कर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी नाम धारण करने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने गुरुवार को सामान्य पैंट-शर्ट त्याग कर भगवा वस्त्र धारण किया। रामनगरी पहुंचे रिजवी ने भगवा वस्त्र धारण करने से पूर्व पुण्य सलिला सरयू में स्नान किया। इसके बाद हनुमानगढ़ी से जुड़े संत राजूदास ने उन्हें भगवा वस्त्र भेंट किये।
उन्होंने हिंदू धर्म के परिचायक रंग का वस्त्र वैदिक मंत्रोच्चार के साथ धारण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, बचा हुआ जीवन धर्म-कर्म और हिंदुओं तथा उनकी संस्कृति की रक्षा के लिए समर्पित है। जितेंद्र नारायण ने यह भी बताया कि पूरी दुनिया के जेहादी और आतंकी हम को मारना चाहते हैं और हमारा सिर काटने के लिए इनाम रखा हुआ है।
उन्होंने भावनात्मक स्वर में कहा, संभव है कि वे मेरा सिर काट लें, तो मैं भगवान के दरबार में देवी-देवताओं के दरबार में अपना कटा हुआ सिर लेकर भगवा वस्त्र में हाजिरी दे सकूं, यह मेरी कामना है। भगवा वस्त्र के साथ संन्यास धारण करने के सवाल पर जितेंद्र नारायण ने कहा, जल्दी ही वह दिन भी आएगा।
काशी और मथुरा के मामले पर जितेंद्र नारायण ने कहा, जितने भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है मुसलमानों को चाहिए कि आपसी तालमेल से ऐसे मामले को हल कर लें। जहां पर यह सिद्ध हो कि वह मंदिर था, वह हिंदू भाइयों को वापस कर दी जानी चाहिए। सरयू तट पर भगवा धारण करने से पूर्व वह विहिप के स्थानीय मुख्यालय कारसेवक पुरम पहुंचे। यहां उन्होंने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से भी मुलाकात की। इस दौरान हनुमानगढ़ी के संत राजूदास व विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा भी मौजूद रहे।
जितेंद्र नारायण त्यागी ने रामलला का दर्शन भी किया। वसीम रिजवी से जितेंद्र नारायण बने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गत चार-पांच वर्षों से राम मंदिर के समर्थन में अपना स्वर बुलंद करते रहे हैं और इसके लिए वह कट्टरपंथियों के बराबर निशाने पर रहे हैं।
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