लखनऊ, 17 मई 2023 : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर तैनात विशेषज्ञ डाक्टरों की ड्यूटी अब महीने में दो दिन मंडलीय व जिला चिकित्सालयों में रोस्टर के आधार पर लगाई जाएगी। विशेषज्ञ डाक्टरों की विशेषज्ञता का लाभ जिला अस्पताल में आ रहे रोगियों को भी मिल सके इसके लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी को देखते हुए यह प्रबंधन किया जा रहा है। यही नहीं यह विशेषज्ञ चिकित्सक जिला अस्पतालों में तैनात दूसरे वरिष्ठ विशेषज्ञ डाक्टरों की मदद से उपचार से संबंधित नई जानकारियों व टेक्नोलाजी का ज्ञान भी हासिल कर सकेंगे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. रेनू श्रीवास्तव वर्मा की ओर से सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को यह निर्देश जारी किए गए हैं।
ऐसे विशेषज्ञ चिकित्सक जो सीएचसी व पीएचसी पर तैनात हैं। वहां पर मानव संसाधन, उपकरणों व जांच तथा अन्य समानांतर सहयोगी चिकित्सा सुविधाएं सीमित होने के कारण विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी विशेषज्ञता के अनुरूप चिकित्सीय कार्य नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में महीने में दो दिन यानी 15 दिन में एक बार उनकी ड्यूटी जिला पुरुष चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय या फिर जिला संयुक्त चिकित्सालय में रोस्टर के अनुसार लगाई जाएगी।
इस निर्णय से मरीजों के साथ-साथ विशेषज्ञ डाक्टरों को भी लाभ होगा। जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर न होने से जो मरीज बिना उपचार के वापस हो रहे हैं, वह वापस नहीं होंगे। यही नहीं विशेषज्ञ चिकित्सक वहां तैनात वरिष्ठ विशेषज्ञ डाक्टरों से अपनी विशेषज्ञता जैसे बाल रोग, हृदय रोग और स्त्री एवं प्रसूति रोग इत्यादि में उपचार में कौन-कौन सी नई विधियाें का प्रयोग किया जा रहा है और टेक्नोलाजी के प्रयोग की जानकारी ले सकेंगे।
मालूम हो कि प्रदेश में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के डाक्टरों के कुल 19,700 पद हैं और इसमें से 11,500 पद भरे हुए हैं। स्नातकोत्तर (पीजी) पास विशेषज्ञ डाक्टरों को सीधे लेवल टू पर भर्ती किया जा रहा है। लेवल टू के 3,600 पद हैं लेकिन बामुश्किल 300 भी नहीं भरे हुए हैं। वहीं ऐसे सीएचसी व पीएचसी जो फर्स्ट रेफरेल यूनिट (एफआरयू) उसके साथ-साथ अन्य सीएचसी व पीएचसी पर भी विशेषज्ञ डाक्टर तैनात हैं।
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