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निकाय चुनाव से पहले जिन नेताओं ने फूंका था बगावत का बिगुल


लखनऊ, 24 अक्टूबर 2023 : निकाय चुनाव में टिकट न मिलने से भाजपा से बगावत करने वाले कई नेता लोकसभा चुनाव से पहले घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं। बस, उन्हें भाजपा नेतृत्व की हरी झंडी का इंतजार है और माना जा रहा है कि जल्द ही ऐसे बिछड़े नेताओं के लिए भाजपा दरवाजे खोल देगी। भाजपा ने ऐसे 40 से अधिक बागियों को एक मई को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था, जिसमे दो मौजूदा और दो पूर्व पार्षद भी थे।

पूर्वी विधानसभा सीट से विधायक व तत्कालीन नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन का खुलकर विरोध करने वाले मैथिलीशरण गुप्त वार्ड से भाजपा पार्षद रहे दिलीप श्रीवास्तव भी वापसी की तैयारी में हैं। सोशल मीडिया पर विधायक का खुलकर विरोध करने पर उन्हें टिकट नहीं दिया गया था तो वह बागी उम्मीदवार बन गए थे और निर्दलीय चुनाव लड़े दिलीप को हार मिली थी।

पार्टी से निकाले जाने के बाद भी बड़े नेताओं संग होर्डिंग

पार्टी से निकाले जाने के बाद भी वह भाजपा के बड़े नेताओं की फोटो संग होर्डिंग में दिखते थे। हालांकि बाद में आशुतोष टंडन के खिलाफ मुखर दिखने वाले दिलीप श्रीवास्तव नरम पड़ गए और अब वह भाजपा में फिर से शामिल होने को आतुर दिख रहे हैं।

दिलीप कहते हैं कि मीडिया से उन्हें निष्कासन की जानकारी मिली थी, लेकिन कोई पत्र पार्टी की तरफ से नहीं दिया गया था। वह आज भी मन से भाजपा के हैं और अगर उन्हें आयोजनों में बुलाया जाएगा तो वह अवश्य जाएंगे।

उत्तरी विधानसभा सीट से डॉ. नीरज बोरा को टिकट दिए जाने का विरोध करना सुरेश अवस्थी को भारी पड़ा था। जय शंकर प्रसाद वार्ड से पूर्व पार्षद ( पिछली बार पत्नी गीता अवस्थी पार्षद थीं) के अलावा कार्यवाहक महापौर की जिम्मेदारी निभा चुके सुरेश अवस्थी ने कार्यकर्ताओं के साथ साथ नीरज बोरा को टिकट देने का विरोध किया था।

सुरेश अवस्थी ने लड़ा था निर्दलीय चुनाव

हाल यह रहा कि नीरज बोरा को समर्थकों के साथ सफाई देने के लिए सांसद व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दिल्ली दरबार में हाजिरी लगानी पड़ी थी। इतना ही नहीं तत्कालीन उप मुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा को मनाने के लिए मैदान में उतरना पड़ा था। वैसे तो विरोध करने में कई और भी चेहरे थे, लेकिन वे भाजपा का टिकट पाने में सफल हो गए थे, जबकि सुरेश अवस्थी को भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय उम्मीदवार बन गए थे।

लिहाजा अनुशासनहीनता के आरोप में भाजपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। सुरेश अवस्थी कहते हैं कि अगर भाजपा से बुलावा आता है वह एक मिनट की देरी नहीं करेंगे। उन्होंने अभी तक किसी अन्य दल में जाने की नहीं सोची है। भाजपा से लंबा साथ रहा है और उनकी आत्मा भाजपा से जुड़ी है।

फैजुल्लागंज वार्ड (तृतीय) से भाजपा पार्षद रहे अमित मौर्य फैजुल्लागंज वार्ड (द्वितीय) से टिकट चाहते थे, नहीं मिला तो बागी हो गए थे और पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब वह वापसी के लिए संगठन के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं।

विपक्षी के कई नेता भी लाइन में

विपक्षी दल के एक मौजूदा पार्षद ने भाजपा में जाने का मन बना लिया है। वह भी भाजपा से ही टिकट मांग रहे थे और इस कारण उन्हें अपने दल का भी टिकट नहीं मिला था। लिहाजा उन्होंने दूसरे दल को पकड़कर जीत हासिल की थी। इसी तरह कभी सपा से जुड़े रहे एक पूर्व पार्षद भी भाजपा के संपर्क में हैं और पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से दिल्ली में मुलाकात कर लौटे हैं।

भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने कहा- 'भाजपा से निष्कासित पदाधिकारियों को वापस लिए जाने के लिए अभी कोई निर्देश नहीं मिले हैं लेकिन निष्कासित कई नेता घर वापसी चाहते हैं। इसके लिए विपक्षी दल के कुछ नेता भी भाजपा में शामिल होना चाहते हैं, जल्द ही कोई निर्णय होगा।

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