गर्मी बढ़ने के साथ ही आग लगने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी है। सबसे ज्यादा समस्या किसानों के सामने है। गेहूं की पकी फसल खेतों में खड़ी है। कहीं कहीं फसल कट गई है और गठ्ठे लगे हुए हैं। ऐसे में एक चिंगारी किसान की पूरी मेहनत को तबाह और बर्बाद करने के लिए काफी है। विडंबना ये है कि आग लगने की घटनाओं पर तत्काल फायर ब्रिगेड नहीं पहुंचने से नुकसान कई गुना बढ़ जाता है।
थाना गोवर्धन क्षेत्र के गांव भगोसा में करीब 40 बीघा फसल जलकर खाक हो गई। किसानों ने बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया। बताया गया कि कुछ लोग वहां गाड़ी में शराब का सेवन कर रहे थे और किसी व्यक्ति ने सिगरेट जला कर छोड़ दी और फसल जलकर राख हो गई।
मौके पर किसानों ने लोगों की मदद से आग बुझाने की लगातार कोशिश की। काफी देर बाद प्रशासन पहुंचा। करीब 2 घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची और आग पर काबू पाया। इस दौरान नाराज ग्रामीणों ने गोवर्धन बरसाना मार्ग को जाम करने की कोशिश की। हांलाकि मौके पर गोवर्धन पुलिस ने जाम नहीं लगने दिया और आश्वासन दिया कि तुमको मुआवजा जल्द ही प्रशासन द्वारा दिया जाएगा।
गोवर्धन तहसीलदार पवन पाठक ने बताया कि जिन किसानों की फसल जली है वहां एक एक क्विंटल गेहूं हर परिवार को दिया गया है। इस दौरान किसानों के बीच पहुंचे राष्ट्रीय लोक दल के नेता कुंवर नरेंद्र सिंह ने मांग की कि सरकार 1975 रुपए प्रति कुंतल एमएसपी रेट पर किसानों को मुआवजा दिया जाए। साथ ही जनपद की हर तहसील पर एक फायर ब्रिगेड गाड़ी 24 घंटे उपलब्ध होनी चाहिए जिससे आसपास कहीं आग लगे तो मौके पर पहुंचकर बुझाया जा सके।
रिपोर्ट - चंद्र मोहन दीक्षित
टीम स्टेट टुडे
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