लखनऊ, 24 फरवरी 2023 : लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में भी जातीय जनगणना का मुद्दा गरमाता दिख रहा है। पिछड़ी जातीय के बड़े वोट बैंक के मद्देनजर विपक्षी पार्टियों में जातीय जनगणना को लेकर एक-दूसरे से आगे रहने की होड़ सी मची है।
इसको लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की लगातार सक्रियता पर सवाल उठाते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि अगर सपा, प्रदेश में जातीय जनगणना को लेकर गंभीर होती तो उसे अपनी सरकार में ही इसे कराना चाहिए था। मायावती ने स्पष्टतौर पर कहा कि बसपा, जातीय जनगणना की जबरदस्त समर्थक है। प्रदेश में ही नहीं बल्कि देशभर में एक साथ जातीय जनगणना कराने के लिए केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए।
अखिलेश द्वारा गुरुवार को विधानसभा में जातीय जनगणना का मुद्दा उठाए जाने के बाद मायावती ने भी बयान जारी कर कहा कि जातिगत जनगणना की वकालत करने वाली सपा के लिए बेहतर होता कि सरकार में रहते ही उसे पूरा करा लेती। ऐसे में उसे भाजपा की सरकार से बार-बार जातीय जनगणना कराए जाने की मांग न करनी पड़ती।
उन्होंने कहा कि बसपा चाहती है कि जातीय जनगणना सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देशभर में एक साथ कराने के लिए केंद्र की सरकार आगे आए। जातीय जनगणना से ही जातिवार लोगों की संख्या की सही स्थिति सामने आ सकेगी।
बसपा प्रमुख ने बजट को लेकर भाजपा सरकार को भी घेरते हुए कहा कि सिर्फ औपचारिकता की जा रही है। सपा और भाजपा विकास के जिन कार्यों को अपना कहकर भुना रही है उनमें से ज्यादातर की रूपरेखा तो बसपा सरकार में ही तैयार कर दी गई थी जिसमें से कई कार्य शुरु भी कर दिए गए थे।
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