प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनाकाल के आठवें महीने में सातवीं बार देश की जनता को संबोधित किया। मार्च में लगे जनता कर्फ्यू से लॉकडाउन और अब अनलॉक के दौर में ऐसा क्या हुआ कि प्रधानमंत्री को एक बार फिर देश की जनता को सचेत करना पड़ा।
स्टेट टुडे टीवी आपको इसकी विस्तार से जानकारी देने जा रहा है।
साजिश फिर से
अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों में ना सिर्फ कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ें हैं बल्कि कई देशों में दोबारा लॉकडाउन की स्थिति आ गई है। जिन देशों में स्थितियां दोबारा बिगड़ी है वहां स्थानीय लापरवाही तो है ही लेकिन इन देशों की जांच एजेंसियों ने ऐसी रिपोर्ट तैयार की हैं जिसमें कोरोना संक्रमण जानबूझ कर फैलाने की बातें भी सामने आई हैं। संक्रमित व्यक्तियों और संक्रमित उत्पादों के जरिए एक बार फिर से खुलती अर्थव्यवस्थाओं को चौपट करने की साजिश हो रही है। हालही में चीन के कई उत्पाद खासतौर से फ्रोजन फूड में जिंदा कोरोना वायरस मिले हैं।
त्यौहार का मौका
भारत में त्यौहारों का मौसम शुरु हो चुका है। मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटने लगी है। पूजन भंडारों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में परिवार, रिश्तेदार और अड़ोस-पड़ोस सुरक्षित रहे इसकी चिंता सबसे पहले होनी चाहिए।
बहुत जल्द भूलती है जनता
स्कूल, सिनेमा, बाजार खुल रहे हैं। लोग निकल रहे हैं लेकिन हमेशा की तरह बेपरवाह। चेहरे पर मास्क नहीं, पास में सैनेटाइजर नहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का तो सवाल ही नहीं उठता। सरकार नियम बना सकती है। नियम का पालन करवाने के लिए प्रशासन से सख्ती करवा सकती है लेकिन आखिर में हर बचाव जनता को ही करना होता है। उस पर तुर्रा ये कि आजादी के मायने लगाने वालों की भी कमी नहीं। इसलिए बार बार सचेत करना भी सरकार की ही जिम्मेदारी बन जाती है।
कारोबारी चिंता
लॉकडाउन के बाद अनलॉक के दौर में अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है। लोगों की जरुरतें तो लॉकडाउन में भी पूरी हुईं लेकिन भौतिकता के युग में रकम का रोना जैसे भारतीय कारोबारियों के स्वभाव का हिस्सा है। इसलिए कमाई की अंधी दौड़ में लोग कोरोना वायरस भूल जाएं शायद ये सरकार के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द है।
विपक्ष का हमला
भारत का मौजूदा विपक्ष जिस तरह की राजनिति करता है उसमें सरकार की आलोचना से ज्यादा लोगों को भ्रमित कर सरकार के किए कराए पर पानी फेरने की मंशा ज्यादा होती है। लिहाज़ा केंद्र सरकार विपक्ष के बचकाने और कई बार विदेशियों के हाथों में खेलने की बीमारी से भी चिंतित है। वैसे गौर करने वाली बात ये भी है कि कोरोना के संक्रमण से बहुतेरी पार्टियों के नेता चपेट में आए लेकिन कांग्रेस के नेताओं की इम्युनिटी यहां बाकियों पर भारी पड़ी। कांग्रेस के कोरोना संक्रमित कोई दो चार नेता भी आप नहीं गिना पाएंगे।
सरकार की तैयारियां
आपदा में अवसर तलाशने की टैग लाइन पीएम मोदी ने यूहीं नहीं दी थी। हकीकत ये है कि केंद्र और कई राज्य सरकारों ने कोरोना से निपटने के चक्कर में स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व काम किया है। भारत में अब तक करीब दस करोड़ लोगों का कोविड टेस्ट हो चुका है। संक्रमित मरीजों के लिए करीब 90 लाख बेड की व्यवस्था की गई है। 2 हजार से ज्यादा कोविड टेस्ट लैब एक्टिव हैं। संक्रमण ग्रामीण इलाकों खास तौर से दूरस्थ इलाकों में फैलने से रोकने के लिए कारगर कदम उठाए गए। सिर्फ इतना ही नहीं संक्रमणकाल में सरकार के स्तर पर बचाव के जो संदेश जनता तक पहुंचाएं गए वो ना सिर्फ लोगों तक पहुंचे बल्कि स्थानीय स्तर पर उसका अनुपालन भी पूरी शिद्दत से हुआ भी और कराया भी गया।
क्या बोले पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम को देशवासियों को संबोधित किया। कोरोना संकट के बीच पीएम मोदी अब तक लोगों से कई बार ऐसे रूबरू हो चुके हैं, जिसमें कई बड़े ऐलान किए गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने आने वाले त्योहारों से पहले लोगों के लिए सावधान करने सहित लोगों से नियमों का पालन करने की अपील की । इसमें कोरोना वैक्सीन को लेकर जानकारी दी।
साबुन से हाथ धुलने और मास्क का ध्यान रखिए
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि याद रखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं, थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है, हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनो साथ साथ चलेंगे तभी जीवन में ख़ुशियाँ बनी रहेंगी। दो गज की दूरी, समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना और मास्क का ध्यान रखिए।
जी-जान से जुटे हैं वैज्ञानिक वैक्सीन के लिए
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है। अनेक देश इसके लिए काम कर रहे हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं। भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है। इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं। कोरोना की वैक्सीन जब भी आएगी, वो जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचे इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है। एक-एक नागरिक तक वैक्सीन पहुंचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है।
अमेरिका, यूरोप में फिर बढ़ रहे हैं मामले
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं। आप ध्यान रखिए, आज अमेरिका हो, या फिर यूरोप के दूसरे देश, इन देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, लेकिन अचानक से फिर बढ़ने लगे। जब तक सफलता पूरी न मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है।
समय लापरवाह होने का नहीं
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टर्स, नर्स, हेल्थ वर्कर्स इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है। हाल के दिनों में हम सबने बहुत सी तस्वीरें, वीडियो देखे हैं जिनमें साफ दिखता है कि कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है।
लॉकडाउन चला गया, वायरस नहीं
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है। आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, Fatality Rate कम है। दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है।
कबीर का दोहा और रामचरितमानस की चौपाई
पकी खेती देखिके, गरब किया किसान।
अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान।
क्या है दोहे के मायने
कबीर ने इस दोहे के माध्यम से लोगों को खुशी को देखकर सचेत रहने के लिए कहा गया है। इसमें यह बताया गया कि जब खेती की फसल पक जाती है, तब किसान उसे देख कर गर्व करता है। खुश होता है। हालांकि यहां उसे ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि फसल को घर तक लाने में काफी मेहनत करनी होती है।
रिपु रज पावक पाप प्रभुअहि गनिअ न छोट करि।
अस कहि बिबिध बिलाप करि लागी रोदन करन ।।
चौपाई के मायने-
प्रधानमंत्री ने रामचरित मानस का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें हमारे लिए शिक्षा भी है और चेतावनी भी। उन्होंने जो सोरठा पढ़ा। उसका अर्थ निम्न है: शत्रु, रोग, अग्नि, पाप, स्वामी और सर्प को छोटा करके नहीं समझना चाहिए। ऐसा कहकर शूर्पणखा अनेक प्रकार से विलाप करके रोने लगी।
तेजी से बढ़ रही हैं आर्थिक गतिविधियां
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है।
मीडिया से अनुरोध
मीडिया और सोशल मीडिया के साथियों से पीएम ने कहा कि कि आप जागरूकता लाने के लिए इन नियमों का पालन करने के लिए जितना जन-जागरण अभियान करेंगे, ये आपकी तरफ से देश की बहुत बड़ी सेवा होगी।
आज 12 मिनट के अपने संबोधन के आखिर में पीएम मोदी ने दशहरा, दिवाली की देशवासियों को बधाई दी।
राहुल गांधी ने निशाना साधा
देश के नाम संबोधन को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज को संबोधन में कृपया कर देश को बताएं कि चीनियों को भारत की धरती से आप कब खदेड़ेंगे।
पीएम मोदी ने कोरोना काल में कब कब दिया देश के नाम संबोधन
19 मार्च – कोरोना संकट में पीएम मोदी का पहला संबोधन जनता कर्फ्यू के लिए था, जिसमें देश में एक दिन का लॉकडाउन लगाया गया था।
24 मार्च – पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के कारण देश में पहले लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसमें पहले 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया गया
3 अप्रैल – कोरोना काल में अपने तीसरे संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना योद्धाओं के सम्मान की अपील की, जिसमें सभी से रात नौ बजे नौ मिनट तक घर की लाइट बंद कर दीया जलाने को कहा गया, जिसका पालन देशवासियों ने किया।
14 अप्रैल – चौथे संबोधन में पीएम मोदी ने लॉकडाउन 2 की घोषणा की, जो कि तीन मई तक के लिए बढ़ाया गया था।
12 मई – कोरोना काल के बीच देश में अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया। इसमें छोटे कारोबारियों को काम के कर्ज देने की सुविधा दी गई। बाद में इसके बारे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से जानकारी दी।
30 जून – पीएम मोदी ने आखिरी बार जून में देश को संबोधित किया था, जिसमें देशवासियों से कोरोना को लेकर सावधानी बरतने की अपील की थी। जून के बाद ही देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई थी, ऐसे में लोगों से नियमों का पालन करने को कहा था।
टीम स्टेट टुडे
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