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महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराध में अब नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत


लखनऊ, 23 सितंबर 2022 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथ नेमहिलाओं एवं बच्चोंके खिलाफ होनेवाले अपराधों कोलेकर बड़ा कदमउठाया है। राज्यसरकार ने जीरोटालेरेंस की नीतिके तहत महिलाओंकी सुरक्षा केप्रति संवेदनशीलता कापरिचय देते हुएऐसे घृणित अपराधोंके प्रति कठोरकार्रवाई सुनिश्चित करेगी। यूपी मेंअब महिलाओं वबच्चों के खिलाफगंभीर अपराध केमामलों में आरोपियोंको अग्रिम जमानतनहीं मिलेगी।

योगी सरकारने इसके लिएदंड प्रक्रिया संहितामें संशोधन करदिया है।

यूपीविधानसभा से मॉनसूनसत्र के अंतिमदिन दंड प्रक्रियासंहिता (संशोधन) विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारितहो गया है।अब दुष्कर्म वप्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेनफ्राम सेक्सुअल अफेंसेसएक्ट (पाक्सो) केमामलों में आराेपितको अग्रिम जमानतनहीं हासिल होसकेगी। इस निर्णयसे महिलाओं वबच्चों के नसिर्फ शरीर बल्किउनकी आत्मा तकको गंभीर चोटपहुंचाने वाले अपराधियोंका मनोबल तोड़ाजा सकेगा औरपीड़ितों के मनमें विधि व्यवस्थाके प्रति अटूटविश्वास पैदा होगा।

संसदीय कार्य मंत्रीसुरेश कुमार खन्‍ना नेशुक्रवार को सदनमें दंड प्रक्रियासंहिता (संशोधन) विधेयक 2022 पारितकरने का प्रस्तावरखा। विधेयक केपक्ष में सत्ताधारीसदस्यों के बहुमतकी वजह सेविधानसभा अध्‍यक्षसतीश महाना नेइसे पारित करनेकी घोषणा की।

राज्य सरकार केप्रवक्ता के अनुसारमहिलाओं से दुष्कर्मऔर बच्चों परयौन हमलों केघृणित अपराधों केप्रति वर्तमान कानूनको और अधिककठोर कर दियागया है। दुष्कर्मऔर पाक्सों एक्टमें कठोर कार्रवाहीसुनिश्चित करने केउद्देश्य से इससेसंबंधित अपराध की धाराओंमें संशोधन कियागया है। आबऐसे अपराधों मेंलिप्त अपराधियों कीअग्रिम जमानत की व्यवस्थाको समाप्त करदिया गया है।

सरकार ने दंडप्रक्रिया संहिता (संशोधन) अधिनियम 2018 में संशोधन के माध्यमसे पाक्सो अधिनियम 2012 और इसमें दुष्कर्म कीधाराओं को सम्मिलितकरते हुए दंडप्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक 2022 के माध्यम से कार्रवाईकी गई है।इस निर्णय सेऐसे जघन्य अपराधकरने वालों कोकड़ा संदेश दियागया है किइन अपराधों मेंप्रभावी कार्रवाही के लिएप्रदेश सरकार बहुत सख्तहै।

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