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कार्य संभालने के बाद बोले डीजीपी, शीर्ष वरीयता पर रहेगी शासन की प्राथमिकता


लखनऊ, 13 मई 2022 : उत्तर प्रदेश के पुलिसमहानिदेशक का पदसंभालने के बादही डा. देवेन्द्रसिंह चौहान नेअपनी वरीयता तयकर दी है।उत्तर प्रदेश पुलिसके मुख्यालय सिगनेचरबिल्डिंग में कार्यभारसंभालने के बादडा. चौहान नेशासन की प्राथमिकतापर कार्य करनेपर जोर दिया।

डा देवेन्द्रसिंह चौहान केपदभार ग्रहण करनेके बाद डीजीपीआफिस से ट्वीटकिया गया। उन्होंनेकहा कि उत्तरप्रदेश के पुलिसबल के डीजीपीके रूप मेंजनता की सेवाका अवसर देनेके लिए मैंमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगीआदित्यनाथ का हृदयसे आभार व्यक्तकरता हूं। यूपीपुलिस एक परिवारकी भांति टीमभावना बनाये रखतेहुए शासन कीप्राथमिकताओं के अनुसारपूर्ण निष्ठा एवंईमानदारी से कार्यकरेगी। प्रदेश के कार्यवाहकपुलिस महानिदेशक कापद संभालने केबाद डा. देवेन्द्रसिंह चौहान नेमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथसे शिष्टाचार मुलाकातकी। डीएस चौहानने सीएम योगीसे उनके आवासपर जाकर मुलाकातकी।

कार्यवाहक पुलिस महानिदेशकका पद संभालनेके बाद डा. देवेन्द्र सिंह चौहानने अफसरों सेमिलकर प्राथमिकताएं बताई। उन्होंने साफ-साफ कहाकि प्रदेश मेंअपराध नियंत्रण केलिए काम कियाजाएगा। महिला, बुजुर्गों, बच्चोंकी सुरक्षा परकाम होगा। पुलिसव्यापारियों की सुरक्षापर काम करेगीअपराध नियंत्रण केलिए तकनीक काप्रयोग किया जाएगा।इसके साथ हीपुलिस की कठिनाइयोंको दूर करनेका प्रयास भीहोगा।

लेंगे फील्ड पोस्टिंगतथा प्रतिनियुक्ति कालाभ लेने काप्रयास

प्रदेश सरकार नेमुकुल गोयल कोडीजीपी के पदसे हटाने केकरीब 20 घंटे बादडीजी इंटेलीजेंस तथाविजिलेंस डा. देवेन्द्रसिंह चौहान कोडीजीपी के पदका अतिरिक्त प्रभारसौंप दिया। इंटेलीजेंसव विजिलेंस जैसीपुलिस की दोप्रमुख शाखाओं की अगुवाईकर रहे चौहानको मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ के भरोसेमंदअधिकारियों में गिनाजाता है। मूलरूप से मैनपुरीके निवासी डा. देवेंद्र सिंह चौहानने एमबीबीएस कीपढ़ाई की है। 1988 बैच के आइपीएसहैं। वर्ष 2006 से 2011 तथा 2016 से वर्ष 2020 के बीच दोबार केन्द्रीय प्रतिनियुक्तिपर रहे हैं।केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफमें आइजी केपद पर तैनातथे। छत्तीसगढ़ मेंनक्सलियों के विरुद्धकई आपरेशन केअगुवा रहे चौहानको राज्य सरकारने केन्द्र सेवापसी के बादफरवरी, 2020 में डीजीइंटेलिजेंस के पदपर तैनाती दीथी। डा. देवेन्द्रसिंह चौहान प्रदेशमें आगरा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, सहारनपुर, रामपुर समेतकई बड़े जिलोंके एसपी समेतअन्य महत्वपूर्ण पदोंपर तैनात रहेहैं। इसी कारणउनको फील्ड पोस्टिंगका साथ हीकेन्द्र सरकार में कार्यकरने के अनुभवका लाभ मिलेगा।

पूर्णकालिक डीजीपी बननेकी पूरी उम्मीद

प्रदेश सरकार नए डीजीपीके चयन केलिए जल्द हीवरिष्ठता सूची मेंशामिल उन आइपीएसअधिकारियों के नामोंपर विचार करेगी, जिन्होंने 30 वर्ष कीसेवा पूरी करली है औरउनका छह माहसे अधिक कासेवाकाल शेष हो।वरिष्ठता सूची मेंशामिल तीन अधिकारियोंके नामों कापैनल केंद्र कोभेजा जाता है, जिनमें एक नामपर केन्द्रीय संघलोक सेवा आयोगअंतिम मुहर लगाताहै। वर्तमान में 1987 बैच के हीआइपीएस अधिकारी आरपी सिंहवरिष्ठ सूची मेंसबसे आगे हैं।उनके बाद इसीबैच के आइपीएसअधिकारी जीएल मीणादूसरे स्थान परहैं। 1988 बैच केआइपीएस अधिकारी आरके विश्वकर्मातीसरे, डा. डीएसचौहान चौथे वआनन्द कुमार पांचवेंस्थान पर हैं।डीजी सीबीसीआइडी जीएलमीणा का सेवाकालजनवरी, 2023 में पूराहोगा, जबकि वरिष्ठतासूची में शामिलडीजी बिश्वजीत महापात्रजुलाई, 2022 में अपनासेवाकाल पूरा करेंगे।होमगार्ड विभाग में मस्टररोल घोटाला उजागरहोने के बादशासन ने तत्कालीनडीजी होमगार्ड जीएलमीणा को उनकेपद से हटादिया था। यदिसरकार किसी रिपोर्टका संज्ञान लेतीहै तो जीएलमीणा की मुश्किलेंबढ़ सकती हैं।यदि पैनल केलिए नामों काचयन जुलाई बादहुआ, तब भीजीएल मीणा कानाम दौड़ सेबाहर हो सकताहै। ऐसी स्थितिमें डा. देवेन्द्रसिंह चौहान कानाम वरिष्ठता सूचीमें तीसरे नंबरपर होगा। उन्हेंपूर्णकालिक डीजीपी की तैनातीमिल सकती है।पूर्व में डीजीपीरहे हितेश चंद्रअवस्थी व मुख्यसचिव रहे राजेंद्रकुमार तिवारी कोभी पहले-पहलबतौर कार्यवाहक तैनातीदी गई थीजो कि बादमें पूर्णकालिक डीजीपीव मुख्य सचिवबने। इससे अटकलेंलगाई जा रहीहैं कि डीएसचौहान को भलेही अभी डीजीपीका अतिरिक्त प्रभारदिया गया हैलेकिन बाद मेंइन्हें भी स्थायीतैनाती मिल जाएगी।

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