भगवान श्रीकृष्ण के 5252वें जन्मोत्सव पर Mathura में योगी आदित्यनाथ ने की बड़ी घोषणा
- statetodaytv
- Aug 16
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बृजक्षेत्र में लौटेगा द्वापर युग, सीएम योगी ने की 30 हजार करोड़ के मास्टरप्लान की घोषणा
- मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन को करीब 646 करोड़ की 118 विकास परियोजनाओं की दी सौगात
- बोले मुख्यमंत्री, मथुरा की पावन माटी और इसके रज-रज में बसे हैं श्रीकृष्ण
- दुनिया हमारी आध्यात्मिक विरासत पर शोध के लिए उत्सुक, ये विरासत ही वैश्विक स्थायी शांति और सौहार्द का मार्ग करेगी प्रशस्त : योगी आदित्यनाथ
- हम उन कार्यों को संभव बना रहे हैं, जिन्हें कभी असंभव माना जाता था : मुख्यमंत्री
- यमुना की निर्मलता और अविरलता के लिए डबल इंजन सरकार प्रतिबद्ध : सीएम योगी
- श्रीकृष्ण की निष्काम कर्म की प्रेरणा ही हमारी ताकत, कोई हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ, 16 अगस्त। भगवान श्रीकृष्ण के 5252वें जन्मोत्सव के पावन अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मथुरा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मथुरा के डैम्पियर नगर स्थित पांचजन्य सभागार में आयोजित पूज्य साधु-संतों के सम्मान समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने मथुरा-वृंदावन को करीब 646 करोड़ रुपये की लागत वाली 118 विकास परियोजनाओं की सौगात दी और बृजक्षेत्र के समग्र विकास के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की नई कार्ययोजना की घोषणा की।
पांच हजार वर्षों के पौराणिक इतिहास के हम बन रहे साक्षी
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पांच हजार वर्षों के पौराणिक इतिहास के हम साक्षी बन रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर देश और दुनिया से भक्त यहां भक्तिमय भाव के साथ एकत्रित हुए हैं। मथुरा की पावन माटी और इसके रज-रज में श्रीकृष्ण बसे हैं। ऐसी भक्ति दुनिया में कहीं और मिलना दुर्लभ है। इस पवित्र भूमि को कोटि-कोटि नमन। सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से उन्हें मथुरा में रंगोत्सव और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे आयोजनों में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने भारत को आध्यात्मिकता और आधुनिक विकास के संगम के रूप में स्थापित करने की बात कही, जिसकी प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलती है। सीएम योगी ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की आध्यात्मिक विरासत पर शोध के लिए उत्सुक है। जब भी विश्व को संकट से उबरना होगा, भारत की आध्यात्मिक विरासत ही स्थायी शांति और सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करेगी।
बृजक्षेत्र के लिए 30 हजार करोड़ की कार्ययोजना की घोषणा
मुख्यमंत्री ने बृजक्षेत्र के समग्र विकास के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की नई कार्ययोजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कार्ययोजना मथुरा, वृंदावन, बरसाना और गोकुल जैसे तीर्थ स्थलों को द्वापर युग की स्मृतियों से जोड़ेगी। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार पूज्य संतों की भावनाओं का सम्मान करने और बृजक्षेत्र को संवर्धित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम उन कार्यों को संभव बना रहे हैं, जिन्हें कभी असंभव माना जाता था।" उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि 10 साल पहले इनकी कल्पना भी असंभव लगती थी, लेकिन आज ये साकार हो चुके हैं। काशी में जहां पहले 50 श्रद्धालु एक साथ दर्शन नहीं कर पाते थे, वहां आज 50 हजार श्रद्धालु एक साथ दर्शन कर सकते हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर त्रेतायुग की स्मृति को जीवंत कर रहा है। इसी तरह, विंध्यवासिनी धाम में भी भव्य कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो चुका है।
यमुना की निर्मलता और अविरलता के लिए जताई प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने गंगा की निर्मलता और अविरलता का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गंगा आज स्नान और आचमन योग्य हो चुकी है। उन्होंने कहा, "2019 के प्रयागराज कुम्भ में 67 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी। उसी तरह, डबल इंजन सरकार यमुना की अविरलता और निर्मलता के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है।" उन्होंने बरसाना में रोपवे सुविधा का जिक्र करते हुए कहा कि यह बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत है। उन्होंने कहा, "विकास का यही लाभ है कि हम श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए लगातार काम कर रहे हैं।"
सज्जनों के संरक्षण और दुष्टों के संहार के लिए हुआ था श्रीकृष्ण अवतार
मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उद्देश्य को याद करते हुए कहा कि उनका अवतार सज्जनों के संरक्षण और दुष्टों के संहार के लिए हुआ था। उन्होंने युद्धभूमि को धर्मभूमि में बदल दिया। योगी ने कहा, "श्रीकृष्ण की निष्काम कर्म की प्रेरणा हमें ताकत देती है। जब तक यह प्रेरणा हमारे बीच है, कोई हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता।" उन्होंने भारत की आजादी के 78 वर्ष पूरे होने का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता के शताब्दी महोत्सव (2047) के लिए नए संकल्प रखे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में हुई 24 घंटे की चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि 2047 तक उत्तर प्रदेश को समृद्ध और विकसित बनाने के लिए समाज और सरकार को मिलकर काम करना होगा।
परिक्रमा मार्ग से लेकर पर्यावरण संरक्षण तक की परियोजनाएं हैं शामिल
मुख्यमंत्री ने मथुरा-वृंदावन के लिए 646 करोड़ रुपये की 118 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें 80 परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया जिनकी लागत करीब 273 करोड़ रुपए है। वहीं 38 परियोजनाओं का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने किया, जिनकी लागत करीब 373 करोड़ रुपए है। इन परियोजनाओं में परिक्रमा मार्गों का सौंदर्यीकरण, प्रवेश द्वार, कुंडों का जीर्णोद्धार, श्रद्धालुओं की सुविधा, कनेक्टिविटी, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने पांचजन्य सभागार में भजन-कीर्तन और श्रीकृष्ण लीलाओं के आयोजन को भक्तिमय माहौल का हिस्सा बताया। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों और संतों के प्रयासों की सराहना की, जिनके सहयोग से बृजक्षेत्र के विकास के प्रस्ताव स्वीकृत हुए। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज मिलकर भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए कटिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने बच्चों को दुलारा, खीर खिलाकर मनाया जन्मोत्सव
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कान्हा और राधारानी के वेश में आए छह बच्चों को अपनी गोद में लिया और उन्हें दुलार किया। सीएम ने बच्चों को अपने हाथों से खीर भी खिलाई, साथ ही उनका अन्नप्राशन संस्कार भी संपन्न कराया। इससे वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए। उन्होंने बच्चों के माथे पर तिलक लगाया, मोती की माला पहनाई और उन्हें खिलौने भेंट किए। सीएम का यह सहज भाव देखकर श्रद्धालु अभिभूत हो गए।
मुख्यमंत्री ने संतजनों का किया सम्मान
मुख्यमंत्री ने संतजनों का सम्मान किया। इस अवसर पर उन्होंने परमपूज्य श्री फूलडोल बिहारी लाल जी, हरिशंकर नागा जी, अनंत प्रभु जी, बलराम बाबा जी, सुदीक्ष्ण दास जी, राम देवानंद जी, सनंत कुमार जी, लाडली जी दास जी, अनंताचार्य जी, जयरामदास जी, कृष्णा देवी जी, माधवदास जी, लाडली जी एवं नृत्यदास जी को पुष्पमाला, अंगवस्त्रम, मिष्ठान आदि उपहार देकर सम्मानित किया।
डॉक्यूमेंट्री फिल्म का किया विमोचन और अवलोकन
समारोह के दौरान गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की महिमा पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म का विमोचन एवं अवलोकन किया। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को श्रुति अनंदिता वर्मा ने तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने श्रुति अनंदिता वर्मा का इस डॅक्यूमेंट्री के लिए सम्मान किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, स्वतंत्र देव सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, राज्यसभा सांसद तेजवीर सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष किशन चौधरी, महापौर विनोद कुमार अग्रवाल, विधायकगण श्रीकांत शर्मा, राजेश चौधरी, मेघश्याम सिंह, पूरन प्रकाश, एमएलसी ओम पकाश सिंह, योगेश चौधरी, उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, बीजेपी जिलाध्यक्ष निर्भय पांडेय, महानगर अध्यक्ष हरिशंकर राजू यादव, सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे। मुख्यमंत्री का भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की सुंदर प्रतिमा भेंटकर सम्मान किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन्माष्टमी पर दिया लोकमंगल का संदेश
- जन्माष्टमी पर CM योगी का आह्वान: 'धर्म पथ का अनुसरण कर राष्ट्र मंगल के लिए करें कार्य'
16 अगस्त, मथुरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचकर दर्शन किए और देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के धर्म पथ पर चलने का आह्वान करते हुए लोकमंगल और राष्ट्र मंगल के लिए कार्य करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सनातन धर्म की विरासत के संरक्षण और आधुनिक विकास के बीच संतुलन बनाने की बात कही, साथ ही अपनी सरकार की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला।
कृष्ण जन्मभूमि से दिया एकता और राष्ट्रवाद का संदेश
सुबह करीब 11.50 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचे मुख्यमंत्री योगी ने सबसे पहले ठाकुर केशवदेव और माता योगमाया के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने गर्भ गृह में श्रीकृष्ण चबूतरे की पूजा- अर्चना की। भागवत भवन के दर्शन के बाद, उन्होंने श्रद्धालुओं से भरे परिसर में अपना संबोधन दिया। मुख्यमंत्री ने "वृंदावन बिहारी लाल" और "जय श्री राधे" के जयकारे लगाए, जिससे पूरा परिसर गूंज उठा। उन्होंने श्री कृष्ण के 5252 वें जन्मोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह ब्रजभूमि भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार श्रीकृष्ण की लीलाओं की भूमि है, और यह हम सबका सौभाग्य है कि भगवान के कई अवतारों ने उत्तर प्रदेश की भूमि को कृतार्थ किया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या से लेकर मथुरा तक, ये स्थान हमारी आध्यात्मिक विरासत के प्रतीक हैं।
डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों पर बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले आठ- नौ वर्षों से उन्हें जन्माष्टमी और बरसाना के रंगोत्सव में शामिल होने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल, बलदेव, गोवर्धन और राधा कुंड जैसे स्थानों को तीर्थ के रूप में पुन: स्थापित करने का संकल्प लिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में चल रही डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि वे आध्यात्मिक विरासत के संरक्षण और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए आधुनिक विकास पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अपनी आध्यात्मिक विरासत और अत्याधुनिक विकास के लिए देश और दुनिया में एक नया प्रतिमान स्थापित कर रहा है।
गौ संरक्षण और सामाजिक एकता पर जोर
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौ संरक्षण के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गौ माता सनातन धर्म के प्रतीकों में से एक है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए कार्य कर रही है, और जो किसान गौ पालन करते हैं, उन्हें ₹1500 प्रति माह दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 16 लाख से अधिक गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने लोगों से जाति, क्षेत्र या भाषा के नाम पर देश को कमजोर करने वाली प्रवृत्तियों से सावधान रहने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों का सम्मान करना और सामाजिक एकता के लिए कार्य करना हमारा संकल्प होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक सनातन धर्म का ध्वज दुनिया का मार्गदर्शन करता रहेगा, तब तक विश्व बंधुत्व, शांति और सौहार्द का भाव बना रहेगा।
पंच प्रण का संकल्प
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के 'पंच प्रण' का उल्लेख किया, जिसमें गुलामी के अंशों को पूरी तरह से समाप्त करना, स्वदेशी को जीवन का मंत्र बनाना, विरासत का संरक्षण करना, देश के जवानों का सम्मान करना और सामाजिक एकता के लिए कार्य करना शामिल है। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का उदाहरण देते हुए कहा कि इन परियोजनाओं ने देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया है। उन्होंने कहा कि विंध्यवासिनी धाम में बन रहा कॉरिडोर भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
ब्रज तीर्थ विकास परिषद की भूमिका
मुख्यमंत्री ने ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए कार्यरत ब्रज तीर्थ विकास परिषद की सराहना की और कहा कि यह परिषद माननीय जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन में इस क्षेत्र को विकास के नित नए प्रतिमानों की ओर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम 5000 वर्ष से अधिक की इस पौराणिक विरासत को आधुनिक विकास की प्रक्रिया से जोड़ें। उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें उन दुष्प्रवृत्तियों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करने की कोशिश करती हैं।
सनातन के प्रतीकों का सम्मान
अपने संबोधन के अंत में, मुख्यमंत्री ने गंगा, यमुना, गौ माता, गायत्री और तीर्थों जैसे सनातन धर्म के प्रतीकों का सम्मान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये सभी हमारी पहचान हैं और इनका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने एक बार फिर सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और उनके साथ 'श्री केशव देव महाराज की जय', 'श्री कृष्ण कन्हैया की जय', 'श्री राधे रानी की जय', 'श्री यमुना मैया की जय' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।

योगी सरकार का मथुरा पर विशेष फोकस: 8 वर्षों में 38 बार पहुंचे सीएम योगी
- काशी- अयोध्या की तर्ज पर कान्हा की नगरी मथुरा का हो रहा कायाकल्प
- मुख्यमंत्री रहते सीएम योगी का मथुरा का सबसे ज्यादा दौरा करने का रिकॉर्ड
- 38वीं बार मथुरा पहुंचकर सीएम ने दिखाया सनातन आस्था के प्रति समर्पण
- ब्रज की सांस्कृतिक विरासत को संजोने के साथ आधुनिक विकास पर जोर
16 अगस्त, मथुरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले आठ वर्षों में 38वीं बार भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा का दौरा कर यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार के मुख्य एजेंडों में मथुरा का विकास भी शामिल है। मुख्यमंत्री रहते हुए सर्वाधिक बार मथुरा की यात्रा करने का उनका यह रिकॉर्ड, सनातन आस्था के प्रति उनकी सरकार के गहरे सम्मान और समर्पण को दर्शाता है। काशी और अयोध्या की तरह ही, अब मथुरा भी योगी सरकार के विकास के केंद्र में आ गया है।
काशी और अयोध्या के बाद अब मथुरा की बारी
सीएम योगी ने अपने कार्यकाल में काशी का 160, अयोध्या का 85 और अब मथुरा का 38 बार दौरा किया है। यह संख्या बताती है कि जिस भी धार्मिक नगरी पर उनका फोकस बढ़ता है, उसका कायाकल्प सुनिश्चित होता है। काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद अब कृष्ण नगरी के विकास पर उनका पूरा ध्यान है। यह दर्शाता है कि योगी सरकार भारत की तीनों प्रमुख धार्मिक नगरी को विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बढ़ रहा धार्मिक पर्यटन और विकास कार्यों की गति
मुख्यमंत्री के लगातार दौरों का सीधा असर मथुरा के धार्मिक पर्यटन पर दिख रहा है। योगी सरकार के प्रयासों से यहाँ धार्मिक पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सरकार द्वारा मथुरा की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ- साथ आधुनिक विकास पर भी जोर दिया जा रहा है। योगी सरकार द्वारा ब्रज क्षेत्र में करोड़ों रुपये के विकास कार्य कराए जा रहे हैं। सड़कों का सुदृढ़ीकरण, तीर्थ स्थलों का सौंदर्यीकरण और आधुनिक सुविधाओं का विकास इस प्रक्रिया का हिस्सा हैं। इसका सीधा लाभ स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को मिल रहा है।
सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का संगम
योगी सरकार का मानना है कि विकास की दौड़ में सांस्कृतिक विरासत को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए। मथुरा में हो रहे विकास कार्य इसी सोच का प्रतिबिंब हैं। यहाँ एक ओर जहाँ प्राचीन मंदिरों और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है, वहीं दूसरी ओर कनेक्टिविटी, स्वच्छता और अन्य आधुनिक सुविधाओं पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। यह संगम न केवल पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों में भी अपनी संस्कृति के प्रति गौरव की भावना बढ़ा रहा है। योगी सरकार का उद्देश्य केवल आधुनिक विकास करना नहीं है, बल्कि ब्रज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को सहेजते हुए विकास करना है। मथुरा की प्राचीन पहचान को बनाए रखते हुए उसे विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इसका मकसद है कि आने वाली पीढ़ियां अपनी जड़ों से जुड़ी रहें और तीर्थयात्री ब्रज की वास्तविक अनुभूति कर सकें।
सनातन आस्था का सम्मान प्रमुख एजेंडा
सनातन आस्था का सम्मान योगी सरकार का प्रमुख एजेंडा है। भगवान श्रीराम के अयोध्या, देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी के बाद अब, कृष्ण नगरी के विकास पर ध्यान केंद्रित कर उन्होंने धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को एक नई दिशा दी है। मथुरा का यह कायाकल्प न केवल भक्तों के लिए खुशी का विषय है, बल्कि यह प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहा है।
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