लखनऊ, 11 अक्टूबर 2023 : प्रदेश में ईंट व मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए साधारण मिट्टी का इस्तेमाल करने वाले पट्टा धारकों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। बिहार व हरियाणा की तर्ज पर अब दो मीटर तक की मिट्टी की खुदाई खनन संहिता के तहत नहीं आएगी। हालांकि, शर्त यह रहेगी कि पट्टा धारक को मिट्टी की खुदाई हस्तचालन प्रक्रिया के तहत ही करनी होगी।
मंगलवार को कैबिनेट ने भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग से जुड़े प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली-2023 में संशोधन की स्वीकृति दे दी है। नियमावली में संशोधन के तहत नियमों को लचीला करते हुए पट्टा धारक के भुगतान से जुड़ी प्रक्रिया को भी सहज बनाया गया है।
रजिस्ट्रेशन के कारण नहीं समाप्त होगा पट्टा
पट्टा धारक द्वारा देय राशि के भुगतान के लिए अब चतुर्थ व पंचम सूची में बार-बार संशोधन की आवश्यकता नहीं होगी। इसके जगह समय-समय पर जारी शासनादेश से ही देय धनराशि का भुगतान किया जा सकेगा। तीन माह के अंदर रजिस्ट्रेशन न कराने के कारण पट्टा भी अब समाप्त नहीं होगा।
उत्तराधिकारी के पक्ष में माना जाएगा पट्टा
पट्टा धारक की मृत्यु की दशा में उसके पट्टा उसके उत्तराधिकारी के पक्ष में माना जाएगा। सरकार के इस निर्णय से ईंट और बर्तन कारोबार से जुड़े व्यवसायियों को सुगमता होगी और उन्हें उप खनिज की उपलब्धता सहजता से होगी। नियमावली में संशोधन से सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। यह संशोधन गजट प्रकाशन की तिथि से प्रभावी होगा।
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