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'राजस्थान में कांटे की टक्कर'


राजस्थान, 1 दिसंबर 2023 : राजस्थान में राज बदलेगा या फिर रिवाज? इसकी पुख्ता जानकारी तो तीन दिसंबर दिन रविवार को ही मिल पाएगी, लेकिन एग्जिट पोल सामने आने के बाद भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। इस बीच, अशोक गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है।

क्या कुछ बोले खाचरियावास?

खाचरियावास का मानना है कि सरकार बनाने में निर्दलीय उम्मीदवारों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि 200 सदस्यीय विधानसभा में दोनों दलों (कांग्रेस-भाजपा) को अगर 90-100 सीटें मिल जाती हैं तो निर्दलीय उम्मीदवार अहम भूमिका निभाएंगे।

समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में खाचरियावास ने कहा कि अगर दोनों पार्टियों को 90-100 सीटें मिलती हैं तो भाजपा और कांग्रेस दोनों को निर्दलीय उम्मीदवारों और अन्य पार्टियों को सम्मान देना होगा। फिर वे तय करेंगे कि किसे समर्थन देना है, लेकिन मुझे क्या लगता है कि राजस्थान में इस वक्त कांटे की टक्कर है।

'एग्जिट पोल ने भाजपा के दावों को किया खारिज'

खाचरियावास ने कहा कि विभिन्न एग्जिट पोल ने भाजपा के उन दावों को खारिज कर दिया कि उन्हें 125 से ज्यादा सीटें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि कई एग्जिट पोल बता रहे हैं कि कांग्रेस को यहां 100 से ज्यादा सीटें मिल रही हैं। बड़ी एजेंसियां बता रही हैं कि कांग्रेस सरकार बनाएगी।

उन्होंने कहा कि हम मध्य प्रदेश में भाजपा की हार की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन एग्जिट पोल दिखा रहे हैं कि वे आगे हैं। कई एग्जिट पोल ने उन्हें (भाजपा) 125 प्लस सीटें मिलने के दावे को भी खारिज कर दिया। मैं फिर से कहूंगा कि अगर दोनों को यहां 90 से 100 सीटें मिलती हैं तो कोई भी सरकार बना सकता है।

बता दें कि राजस्थान में तीन एग्जिट पोल में भाजपा के स्पष्ट चुनाव जीतने की भविष्यवाणी की गई। वहीं, दो अन्य एग्जिट पोल ने दिखाया कि राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए कांग्रेस आगे है। एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों से पता चला है कि तीन दिसंबर को नतीजे घोषित होने पर छोटी पार्टियों और निर्दलीय सहित अन्य लोग सरकार बनाने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।

सनद रहे कि राजस्थान में 25 नवंबर को 200 में से 199 सीटों पर मतदान हुआ था। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने भाजपा की चुनौती से बचने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले कई लोकलुभावन योजनाओं शुरू की थी।


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