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यूपी में कांग्रेस का अंतिम किला भी दरका, रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह बीजेपी में शामिल



उत्तर प्रदेश में अगर कांग्रेस के पास कुछ बचा है तो वो रायबरेली की संसदीय सीट है जहां से सोनिया गांधी सांसद हैं। वर्तमान यूपी में कांग्रेस के इस अंतिम दुर्ग का एक मजबूत स्तंभ पार्टी का साथ छोड़ चुका है।


अदिति सिंह। रायबरेली सदर से विधायक। युवाओं के बीच लोकप्रिय। बेबाक-बेखौफ अंदाज।

अदिति को राजनीति विरासत में मिली। उनके पिता अखिलेश सिंह रायबरेली के ना सिर्फ चिर-परिचित चेहरा रहे बल्कि उनकी तूती इलाका पार सुनाई देती रही।


उत्तर प्रदेश में युवा महिला नेता के रुप में अपनी खास पहचान बनाने वाली अदिति अब कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई हैं।


2017 में हुए विधानसभा चुनाव में अदिति ने निकटम प्रतिद्वंदी को करीब 90 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया था। पहली बार विधायक बनने के करीब डेढ़ साल बाद पिता अखिलेश सिंह का निधन हो गया। इसके बाद अदिति ने क्षेत्र में अपनी सक्रियता और बढ़ा दी।


अदिति ने यूएसए की ड्यूक यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी है। अखिलेश ने कांग्रेस के जरिये बेटी का राजनीतिक सफर शुरू कराया। टिकट दिलाने के साथ ही पिछले चुनाव में भारी बहुमत से जीत भी दिलवाई।

अदिति सिंह की मां वैशाली सिंह गत दिनों हुए पंचायत चुनाव में अमावां ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हुईं। इसके अलावा राही ब्लॉक और नगर पालिका में भी इन्हें के करीबियों ने बागडोर संभाल रखी है। वहीं अदिति के पति अंगद सैनी पंजाब के नवांशहर से कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं।


अद‍ित‍ि के भाजपा में शाम‍िल होने से यूपी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में व‍िधायक अदिति सिंह ने पार्टी की सदस्यता ली।


अदिति के पिता अखिलेश सिंह रायबरेली सदर सीट से पांच बार विधायक रहे। रायबरेली में उनकी अच्‍छी-खासी पैठ थी और गांधी परिवार से नजदीकियां भी। 21 नवंबर 2019 को अदिति सिंह ने पंजाब के कांग्रेस विधायक अंगद सैनी से शादी कर ली थी।


सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आजमगढ़ के सगड़ी सीट से बसपा विधायक वंदना सिंह ने भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली है।


आपको बताते चलें कि लंबे अरसे से अदिति सिंह और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच खटपट बनी हुई थी।

अदिति ने कई बार कांग्रेस की आलोचना और भारतीय जनता पार्टी की सरकार की नीतियों की सराहना की। इसके लिए कांग्रेस पार्टी उनको नोटिस भी दे चुकी है। पिछले दिनों तो अदिति सिंह ने साफ कह दिया था कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ की टीम का हिस्सा बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सीएम योगी सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं और उनकी टीम का हिस्सा बनकर अपनी विधानसभा के लिए ज्यादा बेहतर कर सकूंगी।


अदिति सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की पोल पट्टी खोलते हुए कहा था कि प्रियंका यूपी में सिर्फ स्टंट कर रही हैं। अगर वह महिलाओं के लिए जागरूक होती तो सबसे पहले अपने निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ कार्रवाई करतीं, जिस पर महिला से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज हुआ है। अदिति का यह भी कहना है कि कांग्रेस महासचिव सिर्फ राजनीति कर रही है। उनके पास अब मुद्दे नहीं बचे हैं।


कब- कब दिखाए तेवर


कांग्रेस पार्टी ने भले ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया हो लेकिन अदिति सिंह ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इससे जम्मू-कश्मीर के लोग मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे। एक विधायक की हैसियत से मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं।


अदिति ने कहा कि जब बिल लाए गए तो प्रियंका गांधी को दिक्कत हुई। अब कृषि कानून वापस हुए तो भी उन्हें दिक्कत है। अदिति ने कहा कि प्रियंका इस मामले का सिर्फ राजनीतिकरण कर रही हैं।

जितिन प्रसाद और माधवराव के पार्टी छोड़ने पर हुईं थी नाराज


जितिन प्रसाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर भी अदिति ने नेतृत्व को निशाने पर लेते हुए कहा था कि जब पढ़े-लिखे, युवा, अनुभवी और बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, तो इस पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को आत्ममंथन करना चाहिए।


टीम स्टेट टुडे



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