Supreme Court के आदेश के खिलाफ लखनऊ में सड़कों पर उतरे पशुप्रेमी
- statetodaytv
- Aug 18
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हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया आदेश, जिसमें सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने की बात कही गई है, को लेकर पशुप्रेमियों और सामाजिक संगठनों में गहरी नाराज़गी देखी जा रही है। इस आदेश के विरोध में रविवार को शहर में एक शांतिपूर्ण रैली का आयोजन किया गया, जिसमें Pawprints Foundation सहित कई पशु-सेवी संगठनों ने हिस्सा लिया।
रैली में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियाँ और बैनर लेकर सरकार और न्यायपालिका से अपील की कि आवारा कुत्तों को हटाना समाधान नहीं है। उनका कहना था कि स्ट्रीट डॉग्स शहर की "नेचुरल प्रोटेक्शन लाइन" होते हैं, जिन्हें हटाने से न केवल पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ सकता है बल्कि इंसानों और जानवरों दोनों के लिए खतरनाक परिस्थितियाँ पैदा हो सकती हैं।

Pawprints Foundation की संस्थापिकाओं ने बताया कि वे वर्षों से कुत्तों के लिए रेस्क्यू, फीडिंग, स्टरलाइजेशन और वैक्सीनेशन का काम कर रही हैं। उनका कहना था कि समाधान वैज्ञानिक और मानवीय दृष्टिकोण से होना चाहिए, न कि बेदखली और क्रूरता से।
रैली के दौरान ही जब एक घायल कुत्ते की सूचना मिली, तो फाउंडेशन की टीम ने तुरंत मोर्चा संभाला और मौके पर जाकर आपातकालीन रेस्क्यू किया। उपस्थित लोगों ने इस मानवीय पहल की सराहना की और कहा कि यही असली भारत की तस्वीर है — जहाँ विरोध दर्ज कराने के साथ-साथ जीवन बचाना भी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
रैली का संदेश साफ़ था:
"सड़कें कुत्तों की भी हैं, उन्हें भी जीने का अधिकार है।"
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