World Health Organization (WHO) ने साफ कहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) हमारे साथ लंबे वक्त तक रहेगा। WHO के मुताबिक, अभी कोरोना को रोकने में लंबा रास्ता तय करना है।
तब तक कोरोना के साथ ही दुनिया को जीना होगा। ये संभव है कि आज नहीं तो कल लॉकडाउन खत्म होगा। लोग अपने काम पर लौटेंगे। उस वक्त ये पांच तरीके ही जीवन के पंचामृत बनेंगे।
WHO का मानना है कि कई देशों में अभी इस महामारी के शुरुआती चरण चल रहे हैं। यही नहीं, जहां ये महामारी बुरी तरह फैली थी, वहां से फिर मामले सामने आने लगे हैं।
WHO महासचिव टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस के मुताबिक, "इतना तय है कि हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है। वायरस हमारे साथ लंबे वक्त तक रहने वाला है।" टेड्रोस के मुताबिक, WHO ने सही टाइम पर कोरोना वायरस के लिए 30 जून को इंटरनैशनल इमर्जेंसी घोषित की जिससे दुनिया को वक्त मिला। उन्होंने कहा कि उस वक्त चीन से बाहर COVID-19 के सिर्फ 82 मामले थे और कोई मौत नहीं हुई थी। लॉकडाउन तो एक ना एक दिन तो हटाना ही होगा। ऐसे में अगर 5 उपाय उठाए जाएं तो दुनिया शायद सुरक्षित रह पाए।
1- कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बहुत जरूरी लॉकडाउन के बाद, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर खास ध्यान देना होगा। ऐसे लोग जो कोरोना पॉजिटिव या संदिग्धों के संपर्क में आए, उन्हें क्वारंटीन करना होगा ताकि वह इन्फेक्शन फैला ना सकें। भारत में इसके लिए आरोग्य सेतु ऐप बनाया गया है। राज्य स्तर पर भी ऐप्स बनाई गई हैं।
2- कई गुना बढ़ानी होगी टेस्टिंग
लॉकडाउन किया ही इसीलिए गया था कि इन्फेक्शन ना फैले। चूंकि ऐसे मामले बहुत ज्यादा है जिनमें लक्षण नहीं दिखते तो टेस्टिंग को बढ़ाते रहना होगा। इसमें लापरवाही बहुत रिस्की हो सकती है।
3- सोशल डिस्टेंसिंग बनी जरूरत
कोरोना वायरस जैसी महामारी ने ये तो समझा दिया है कि सोशल डिस्टेंसिंग कितनी अहम है। ऐसे में इसे फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया जाए। बाहर निकलने पर मास्क पहनना अपनी सुरक्षा के लिए ठीक रहेगा।
4- एयर ट्रेवल की मॉनिटरिंग COVID-19 जिस तरह चीन के वुहान शहर से निकलकर पूरी दुनिया में फैल गया, उससे एयर ट्रेवल की सेफ्टी पर बड़े सवाल उठे हैं। दुनिया के कई देशों ने अब एयरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग का सिस्टम शुरू किया है। लॉकडाउन हटने के बाद, जब भी एयर ट्रेवल शुरू हो, हर एक पैसेंजर को चेक करने की जरूरत होगी। कई देशों ने WHO की चेतावनी के बाद भी एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग नहीं शुरू की थी और खामियाजा भुगत रहे हैं।
5- पब्लिक प्लेसेज पर बरतनी होगी सावधानी
WHO अधिकारियों ने देशों से अपनी तैयारियां बढ़ानी होंगी। अभी सिर्फ 76 फीसदी देशों के पास मामलों को डिटेक्ट करने के लिए सर्विलांस सिस्टम है। WHO चीफ के मुताबिक, दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं है जिसने सब इंतजाम सही से किए हों। सबसे जरूरी होगा पब्लिक प्लेसेज पर वायरस को फैलने से रोकना। इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा रूटीन चेकअप्स भी जरूरी होंगे। टूरिस्ट्स की स्क्रीनिंग, थर्मल चेकअप वगैरह अब ओपन स्पेसेज में होने चाहिए।