उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पांच कालीदास मार्ग पर हाईलेवल मीटिंग की। इस मीटिंग में कोरोना की दूसरी लहर से प्रदेश में पनपे हालात की समीक्षा की गई। जिसमें मुख्यमंत्री की तरफ से प्रशासन को स्पष्ट कहा गया है कि अगर कोई भी बिना मॉस्क के मिलता है तो तत्काल उस पर जुर्माना लगाया जाए।
सीएम के साथ बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, राज्य मंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी मौजूद रहे। सीएम योगी ने निगरानी समितियों और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता बढ़ाने पर जोर दिया है। लोगों को जागरूक करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का हर स्थान पर प्रयोग जरुरी करने का भी निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कोरोना के संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए टेस्ट, ट्रेस व ट्रीट के मंत्र पर जोर दिया है।
हर दिन कम से कम एक लाख आरटीपीसीआर टेस्ट किए जाने का टारगेट है।
सभी सरकारी और निजी टेस्टिंग लैब पूरी क्षमता के साथ कार्य को करेंगे। टेस्टिंग में देरी स्वीकार्य नहीं है।
इसके साथ कोविड चिकित्सालयों में चिकित्सा कर्मियों, औषधियों, मेडिकल उपकरणों व बैकअप सहित ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखी जाए।
जिलों में लेवल-2 और लेवल-3 के बेड्स बढ़ाए जाएं। किसी प्रकार की जरूरत पर तत्काल शासन को अवगत कराएं, पूरी मदद मिलेगी।
हर जगह पर कोविड मरीजों के आवागमन के लिए एम्बुलेंस हर समय उपलब्ध रहें। कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए अलग-अलग एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम रखा जाए। इस दौरान प्रदेश के सभी सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों के एम्बुलेंसों को कोविड मरीजों के उपयोग में लाया जाए।
एरा मेडिकल कॉलेज, डीएस मिश्र मेडिकल कॉलेज और इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज सहित बलरामपुर हॉस्पिटल को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में कोरोना के इलाज के लिए डेडिकेट किया गया है।
हर कोविड हॉस्पिटल में न्यूनतम 700 बेड की उपलब्धता जरूरी है।
सीएम ने एक बार फिर कहा कि जिन जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक केस मिल रहे हैं या जहां कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक है, वहां रात्रि नौ बजे से प्रात: 6:00 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाया जाए।
राज्यपाल ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
प्रदेश के हालात की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री की बैठक के बाद राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सर्वदलीय बैठक बुलाई।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव पर सरकारी उपायों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वायरस का असर कुछ कम होने पर लापरवाही हर स्तर पर होने लगी थी। सभी सब ने मान लिया कि अब कोरोना समाप्त हो गया है।
इसके बाद कोरोना की वैक्सीन आने के बाद लोग और भी निश्चिंत हो गए। उन्होंने कहा कि रविवार को उत्तर प्रदेश में 15,000 मामले एक दिन में आए हैं, महाराष्ट्र में यही संख्या 60,000 है। हम सभी को पता है कि बीमारी के उपचार से महत्वपूर्ण बचाव और सावधानी है। हमको अब तो काफी सावधानी बरतनी है। सरकार अपने पूरे प्रयास में लगी है।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, अपना दल (सोनेलाल), भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के नेताओं को बुलाया गया। बीएसपी के लालजी वर्मा बैठक शामिल में थे। विपक्षी दल के नेताओं के साथ मुख्य सचिव आरके तिवारी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ शासन के अन्य अधिकारी थे।
क्या हैं ताजा हालात
फिलहाल उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के आगे कोरोना वॉरियर्स, सरकारी नुमाइंदे और सरकार असहाय सी नजर आ रही है। 20 से अधिक जिलों में प्रशासन नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस से 15353 केस आए हैं। प्रदेश में अब कोई भी ऐसा जिला नहीं है, जहां पर कोरोना के नए संक्रमित नहीं मिले हैं।
राजधानी लखनऊ में तो हाल सबसे बुरा है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमित 67 लोगों की मौत हुई। अब तक 9152 लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हुई है।
प्रदेश में अब 71241 एक्टिव केस हैं। बीते 24 घंटे में प्रदेश में सर्वाधिक 4444 नए संक्रमित केस लखनऊ में मिले हैं। लखनऊ में अब एक्टिव केस 20195 हैं जबकि 24 घंटे में यहां पर 31 लोगों ने दम तोड़ा है। लखनऊ के बाद वाराणसी है जहां 1740 नए संक्रमित मामले मिले हैं। यहां पर एक्टिव केस 6900 हैं, बीते 24 घंटे में एक की यहां पर मौत हुई है। प्रयागराज में रविवार को 1565 नए संक्रमित मिले हैं। यहां पर कुल एक्टिव केस की 8263 संख्या के बीच में 24 घंटे में नौ लोगों की मौत हो गई। कानपुर में 881 नए संक्रमित मिले हैं। यहां पर आठ लोगों की मौत हुई है जबकि एक्टिव केस 3809 हैं।
टीम स्टेट टुडे
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