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एटीएम से अब निकलेंगी दवाएं – सरकार ने कहा एटीएम मतलब “एनी टाईम मेडिसिन”



दूरदराज के गांवों और कस्बों में रहने वाले ग्रामीणों के लिए भी अब चौबीसो घंटे दवाइयां उपलब्ध होंगी। उन्हें बस ब्लाक में लगे दवा एटीएम तक पहुंचना होगा। देश के सभी छह हजार ब्लाक में ऐसी एटीएम मशीन लगाने की शुरुआत होने जा रही है। शुक्रवार को आइटी मंत्रालय के अधीन काम करने वाली कामन सर्विस सेंटर (CSC) ने इस काम के लिए आंध्र प्रदेश सरकार की एएमटीजेड नामक कंपनी से करार किया। सीएससी के पहले से ब्लाक स्तर पर अयुर संजीवनी केंद्र चल रहे हैं। दवा देने वाली एटीएम इन्हीं केंद्रों पर लगाई जाएंगी। इन केंद्रों पर गर्भधारण, कोरोना जांच के साथ कई अन्य मेडिकल उपकरण भी रखे जाएंगे। उनके संचालन के लिए सीएससी के ग्रामीण उद्यमियों को अगले महीने से प्रशिक्षित किया जाएगा।


सीएससी के माध्यम से गांवों में आक्सीजन सिलेंडर या कंसंट्रेटर मुहैया कराए जाएंगे। मामूली किराया देकर इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा। चालू वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक सभी ब्लाक में दवा वाली एटीएम लगाने का लक्ष्य रखा गया है।


मेडिसिन एटीएम से कैसे बाहर निकलेगी दवा


सीएससी के संजीवनी केंद्र पर ग्रामीण पहले से वर्चुअल तरीके से डाक्टर से परामर्श लेने का काम कर रहे हैं। ये डाक्टर उन्हें दवा भी लिखते हैं। दवा की पर्ची भी वर्चुअल तरीके से जेनरेट होती है। लेकिन ग्रामीणों को दवा लेने के लिए या तो शहर जाना पड़ता है या किसी को भेज कर मंगाना पड़ता है जिसमें वक्त लगता है। लेकिन अब सभी ब्लाक में दवा देने वाली एटीएम की सुविधा होने से उन्हें तत्काल दवा मिल जाएगी। एटीएम मशीन में डाक्टर की पर्ची को डाला जाएगा और उसके हिसाब से मशीन से दवा बाहर आएगी। मशीन में ई-कामर्स कंपनियां दवा की सप्लाई करेंगी। दवा वाली एटीएम मशीन में अधिकतर जेनरिक दवा रखी जाएंगी। इसके अलावा केंद्र पर विभिन्न प्रकार के जांच उपकरण की भी सुविधा होगी।


गांवों के उद्यमियों को मिलेगा मेडिकल उपकरण संचालन का प्रशिक्षण


अगले महीने से एएमटीजेड ग्रामीण उद्यमियों को मेडिकल उपकरणों के संचालन के लिए विशाखापत्तनम में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने जा रही है। इन ग्रामीण उद्यमियों को दवा वाली एटीएम मशीन के संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक बैच में 100 ग्रामीण उद्यमियों को मुफ्त में प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। दवा मशीन के साथ केंद्र पर पानी की शुद्धता की जांच भी की जाएगी ताकि ग्रामीणों को जलजनित बीमारियों से सावधान किया जा सके और उन्हें पानी की स्वच्छता को लेकर जागरूक बनाया जा सके।


टीम स्टेट टुडे


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