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बीजेपी का एक चक्रव्यूह जिसमें टूट रहे हैं विपक्षी दलों के सियासी चक्र



चुनावी राजनीति में सफलता उसी को मिलती है जो समय रहते अपनी लकीर को इतना बड़ा कर दे कि विपक्ष के हौसले पस्त हो जाएं।


भारतीय जनता पार्टी चुनावी चक्रव्यूह रचने और विपक्षियों के चक्रव्यूह तोड़ने की आदत सी बना चुकी है। बीते चुनावों में उत्तर प्रदेश की जातीय गोलबंदी को भेदते हुए बीजेपी ने सभी वर्गों से वोट हासिल किए। हालात ऐसे बने कि जाति-वर्ग की राजनीति करने वाले तमाम क्षेत्रीय संगठन और राजनीतिक दल या तो बीजेपी के साथ मिल गए या फिर उनके समाज ने ही उस गोलबंदी से किनारा कर लिया जो उनकी राजनीति का आधार था।


अब जबकि भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है तो जाहिर है यूपी के विधानसभा चुनाव में वो इसका प्रभाव भी दिखाएगी। अब तक क्षेत्रीय जातीय और वर्ग विशेष के समीकरण साधने के लिए छोटे-बड़े प्रभाव वाले दलों से गठबंधन करने वाली बीजेपी अब समाज के हर वर्ग से सीधा अपना कनेक्ट बना रही है।



विधानसभा चुनाव 2022 के लिए धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण जो होगा वो होगा इस बीच बीजेपी ने जातिगत आधार पर सोशल इंजीनियरिंग करते हुए यूपी का विनिंग फार्मूला तैयार किया है।


भारतीय जनता पार्टी 17 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष सामाजिक संपर्क अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत पिछड़े और अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति की 24 अलग अलग बैठकें व सम्मेलन का फैसला लिया गया है। जो लगातार आगे बढ़ रहा है।



17 अक्टूबर को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के पंचायत भवन में कुम्हार/प्रजापति जाति के सम्मेलन से इसकी शुरुआत की।


इसके बाद 18 अक्टूबर को बाल्मीकि और कुर्मी जाति, 19 अक्टूबर को पासी, 20 अक्टूबर को राजभर, 21 अक्टूबर को नाइ, सैनी, सविता, हलवाई, कसौधन, शिवहरे, 22 अक्टूबर को नोनिया, चौहान, यादव समाज का सम्मेलन हो चुका है।


अब 23 अक्टूबर को नामदेव, दर्जी और लुहार, विश्वकर्मा, 25 अक्टूबर को कोरी, 26 अक्टूबर को जाटव समाज, 27 अक्टूबर को पाल, बघेल और सोनकर, 28 अकटुबर को सोनार, भुर्जी, 29 अकटुबर को शाक्य, सैनी, मौर्या और कुशवाहा, 30 अकटुबर को निषाद,कश्यप, केवट, मलाह और चौरसिया समाज और 31 अक्टूबर को कठेरिया, धानुक, राठौर, तेली, साहू और कनौजिया समाज का सम्मेलन होगा।


राजधानी लखनऊ में गन्ना संस्थान, इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, और पंचायत भवन में आयोजित हो रहे इन सम्मेलनों में इन जातियों के बीजेपी के बड़े नेता और मंत्री शामिल हो रहे हैं। जाति वर्ग विशेष के पार्टी में प्रमुख नेता अपने अपने समाज के लोगों को लगातार बीजेपी सरकार की उपलब्धियां गिनाकर 2022 में साथ देने का संदेश दे रहे हैं।


टीम स्टेट टुडे



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