योगी सरकार किसानों की मदद के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर कर्ज देने की तैयारी में है। खेती के लिए यूं तो किसान क्रेडिट कार्ड मददगार है लेकिन जो किसान कम पढ़े लिखे हैं उन्हें अक्सर साहूकारों के ही चक्कर काटने पड़ते हैं। इस परेशानी को कम करने के लिए उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक उन्हें नकद पैसे देने की तैयारी कर रहा है। जमीन के अनुरूप एक लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी और उसकी वापसी किसान क्रेडिट कार्ड की भांति होगी।
लखनऊ समेत यूपी में स्थापित उप्र ग्राम विकास विभाग की 323 शाखाओं के माध्यम से किसानों का यह कर्ज दिया जाएगा। हालांकि कर्ज देने में लघु व सीमांत किसानों के साथ ही बड़े कास्तकारों की जमीन की वैल्यू के हिसाब से कर्ज दिया जाएगा। एक अप्रैल से 31 मार्च 2022 तक किसानों को 100 करोड़ का ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। 500 करोड़ की गारंटी पर जून तक 300 करोड़ के ऋण का वितरण होना है। अगले वित्तीय वर्ष में बैंक सभी मदों में मिलाकर कुल 550 करोड़ का ऋण किसानों को 11 से 11.50 फीसद ब्याज की दर पर उपलब्ध कराएगा। बैंक के माध्यम से 60.22 लाख किसानों को फायदा होने की उम्मीद है।
उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक प्रबंध निदेशक एके सिंह के मुताबिक, किसानों की आय दोगुनी करने की प्रदेश सरकार की मंशा के सापेक्ष क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर एक लाख तक नकद पैसा देने का निर्णय लिया गया है। किसानों की जमीन के दस्तावेजों के आधार पर ऋण की धनराशि का निर्धारण होगा। नए वित्तीय वर्ष से योजना लागू होगी।
टीम स्टेट टुडे
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