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बड़ा मंगल के दिन क्यों कराया जाता है भंडारा? बेहद रोचक है इतिहास


लखनऊ, 9 मई 2023 : मारुतिनंदन केसरीनंदन सुन लो मेरी पुकार पवन सुत विनती बारंबार... से गुंजायमान वातारण के बीच हनुमान मंदिरों में देर रात से लगी श्रद्धालुओं की कतारें देखते ही बन रही थी। बजरंग बली के जयकारों से लक्ष्मणनगरी गुंजायमान हो उठी। कहीं हनुमान चालीसा तो कहीं सुंदरकांड का पाठ माहौल को भक्ति से सराबोर कर रहा था।

तेज धूप में मंदिरों के पास कतारों में लगे श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। आरती के बीच भगवान के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने बेसन व मोतीचूर के लड्डुओं का भोग चढ़ाया। ज्योतिषाचार्य आनंद दुबे ने बताया कि इस बार चार मंगल पड़ेंगे। नौ मई, 16 मई, 23 मई और 30 मई को बड़े मंगल पड़ रहे हैं। शिव योग, चंद्रमा मंगल की वृश्चिक राशि में और शनि का अनुराधा नक्षत्र का संयोग विशेष फलदायी है।

बेगम आलिया ने रखी मेले की नींव

ज्येष्ठ के पहले बड़े मंगल की शुरुआत अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर परिसर में मेले के रूप में हुई थी। नवाब सआदत अली के कार्यकाल (1798-1814) के दौरान मंदिर का निर्माण हुआ था। उन्होंने अपनी मां आलिया बेगम के कहने पर मंदिर का निर्माण कराया था।

संतान सुख की प्राप्ति होने पर आलिया बेगम ने मंदिर के निर्माण का वादा किया था। मंदिर के गुंबद पर चांद की आकृति हिंदू-मुस्लिम एकता की कहानी बयां करता है। मंदिरों के निर्माण के बाद से यहां मेला लगने लगा। तब से यह परंपरा चलती आ रही है। यहां श्रद्धालुओं लेटकर परिक्रमा करते हुए दर्शन के लिए आते हैं।

व्यापारियों ने कराया था भंडारा

यह भी कहा जाता है कि केसर का व्यापार करने कुछ व्यापारी आए थे और उनका केसर बिक नहीं रहा था। नवाब वाजिदअली शाह पूरा केसर खरीद लिया था। वह महीना ज्येष्ठ का था और मंगल था। व्यापारियों ने इसकी खुशी में यहां भंडारा लगाया था और तब से यह परंपरा चल पड़ी।

अलीगंज के नए-पुराने हनुमान मंदिरों, हनुमान सेतु मंदिरों में घंटों तक कतारों में लगने के बाद भक्तों को अंजनि पुत्र पवनसुत के दर्शन हो सके। देर रात से ही मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ा रहा। अलीगंज के नए हनुमान मंदिर में और पुराने हनुमान मंदिर में भोर के पहले से ही बाबा के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लग थी।शाम को दोनों ही मंदिरों में भक्तों के भीड़ बढ़ती चली गई। हनुमान मंदिरों के पास मेले में शाम को लोगों ने खरीदारी की। लेट कर परिक्रमा करते श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। राणा प्रताप मार्ग के हनुमत धाम मंदिर में भी सुबह से कतार लगी रही।

रंगीन लाइटों से सजे मंदिर

रंगबिरंगी झालरों से सजे हनुमान सेतु मंदिर फूलों की खुशबू से महक उठे। सुबह तड़के से ही बाबा के दर्शनों को भक्तों की भीड़ जुटने लगी। सुरक्षा इंतजामों के बीच मंदिर पहुंचे भक्तों ने बाबा को सिंदूर, लड्डू माला, चोला अर्पण किये। लेटे हुए हनुमान मंदिर में सुबह प्रभु को चोला अर्पण के बाद फूलों व सिंदूर से उनका अभिषेक किया गया।

पक्कापुल स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी श्रीराम ने श्रद्धालुओं को न केवल हनुमान जी के बारे में बताया बल्कि सुंदरकांड पाठ के महत्व व दर्शन से होने वाली कृपा से भी परिचित कराया। पंचमुखी हनुमान मंदिर में भी श्रृंगार के साथ ही भंडारे का आयोजन किया गया। टड़ियन हनुमान मंदिर में हेल्प यू फाउंडेशन की ओर से आयोजन किया गया।

सोने-चांदी से हुआ श्रृंगार

तालकटोरा के एवरेडी चौराहे स्थित बालाजी हनुमान मंदिर में संकटमोचन का सोने और चांदी से श्रृंगार किया गया। मंदिर के पुजारी रमेश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि सुबह सुंदरकांड के साथ देर शाम तक भजन संध्या में बाबा का गुणगान किया गया। अभिषेक श्रृंगार के बाद यहां भगवान को सवामनी का महाभोग लगाया गया।

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