114 कलशों के औषधीय जल से हुआ श्रीरामलला का स्नान
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का छठवां दिन
अयोध्या, 21 जनवरीः श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान छठवें दिन रविवार को सुबह नौ बजे से प्रारंभ हुआ। 114 कलशों में औषधियुक्त जल एवं देश के विभिन्न तीर्थों से लाये गये पवित्र जल से श्रीरामलला की मूर्ति का स्नान कराया गया। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में नित्य के पूजन, हवन और पारायण के साथ पूजा प्रक्रिया प्रारम्भ हुई, जो देर शाम तक चली। श्रीरामलला के विग्रह को मध्याधिवास में रखा गया। आज ही रात्रि जागरण अधिवास भी हुआ। यज्ञशाला में श्रीरामलला के पुराने विग्रह की भी पूजा चल रही है। चेन्नई, पुणे सहित कई स्थलों से मंगाये गये विविध फूलों से पूजन का अनुष्ठान कराया गया।
रविवार की पूजा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से अनिल मिश्र सपरिवार और विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डॉ. आर. एन. सिंह एवं अन्य लोग शामिल रहे। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की प्रक्रिया 16 जनवरी को दोपहर बाद सरयू नदी से प्रारंभ हुई थी। 17 जनवरी को श्रीरामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में आगमन हुआ था। सोमवार दोपहर अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान सम्पन्न होगा।
सीएम योगी ने किए राम मंदिर और हनुमानगढ़ी के दर्शन
संघ प्रमुख मोहन भागवत से की मुलाकात
कारसेवकपुरम भी पहुंचे सीएम, टेंट सिटी का किया निरीक्षण
अयोध्या, 21 जनवरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को ही रामनगरी पहुंच गए। यहां उन्होंने 22 जनवरी की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों का फाइनल निरीक्षण किया और अयोध्या की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला व हनुमानगढ़ी के दर्शन पूजन किये। मुख्यमंत्री ने संघ कार्यालय साकेत निलयम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री इसके बाद हनुमान गढ़ी में दर्शन पूजन किये, फिर श्रीराम मंदिर गए और यहां की तैयारियों को देखा। मुख्यमंत्री कारसेवकपुरम भी गए, यहां तीर्थ क्षेत्र की तरफ से बनाई गई टेंट सिटी का अवलोकन किया।
सीएम योगी ने किया रेत शिल्प का अवलोकन, ली सेल्फी
वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया की तरफ से दिया गया सर्टिफिकेट सीएम ने राज्य ललित कला अकादमी को किया प्रदान
अयोध्या, 21 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पद्मश्री सुदर्शन पटनायक द्वारा उकेरी गई रेतशिल्प से बनाई गई भगवान श्रीराम की आकृति का रविवार को अवलोकन किया। सीएम ने यहां सेल्फी भी ली। रेत शिल्प पर बनाई गई इस आकृति को वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया की तरफ से भगवान श्रीराम के सबसे बड़े रेत शिल्प का सर्टिफिकेट दिया गया है। सीएम योगी ने रविवार को यह सर्टिफिकेट राज्य ललित कला अकादमी की निदेशिका श्रद्धा शुक्ला को प्रदान किया।
बता दें कि रामोत्सव 2024 के अवसर पर राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की तरफ से रेतशिल्प कला शिविर का आयोजन किया गया था। रेतशिल्प के प्रख्यात कलाकार ओडिशा के पुरी निवासी पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने अपनी टीम संग इसका निर्माण किया था। इसमें उनके सहयोगी संतोष कुमार नायक, बुलू मोहंती, जितेंद्र, प्रमोद बिसवाल, महेश्वर, केनी कावासी एवं बनामबार पटनायक भी शामिल रहे। सुदर्शन पटनायक की टीम ने 55 फीट लंबी, 35 फीट चौड़ी, 23 फीट ऊंची रेत शिल्प कलाकृति सृजित की। भगवान राम का 500 वर्षों बाद अपनी अयोध्या में आगमन हो रहा है, इसमें राम मंदिर की 500 मिनिएचर कृतियों को भी संयोजित किया गया है।
मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवनीश अवस्थी आदि मौजूद रहे।
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