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क्या दिवाली से पहले लोगों को जहरीली हवा से मिलेगी राहत


नई दिल्ली, 6 नवंबर 2023 : दिल्ली-एनसीआर एवं आसपास के राज्यों को जहरीली हवा से जल्द ही राहत मिल सकती है। पाकिस्तान में पश्चिमी विछोभ सक्रिय हो चुका है, जिसके तेजी से उत्तर भारत की ओर बढ़ने के संकेत हैं। इसके असर से पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर एवं पश्चिमी यूपी में बारिश हो सकती है। हवा की दिशा बदल सकती है और इसकी गति भी तेज हो सकती है।

IMD की हालात पर नजर

भारत मौसम विभाग (आइएमडी) की नजर हालात पर टिकी है। आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। हालांकि दिवाली के दौरान पटाखे से भी वायु गुणवत्ता खराब होती है, जो मानवीय कारण है। यह स्थानीय प्रशासन पर निर्भर करेगा कि उस पर कैसे और किस हद तक नियंत्रण किया जा सकता है।

दिल्ली में लोगों को सांस लेना हो रहा मुश्किल

दिल्ली एवं आसपास के राज्यों में हवा की गुणवत्ता लगभग सप्ताह भर से अत्यंत खतरनाक हो गई है। लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है। आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा के मुताबिक, वायु गुणवत्ता में सुधार की स्थितियां तीन तरीकों पर निर्भर करती हैं। बारिश होने, बादल छाने या हवा की गति बढ़ने से हवा की गुणवत्ता बेहतर होती है।

तीन से चार दिनों में हो सकती है बारिश

आइएमडी के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के चलते अगले तीन से चार दिनों में तीनों स्थितियां बनने के संकेत मिल रहे हैं। नौ से दस दिसंबर के बीच उत्तरी राजस्थान, पंजाब एवं हरियाणा में बारिश हो सकती है। दिल्ली में वर्षा के संकेत न के बराबर है, लेकिन आसपास के राज्यों के मौसम का असर दिल्ली पर भी पड़ना तय है। ऐसे में यहां बादल छाए रह सकते हैं और हवा की गति भी बढ़ सकती है। निजी एजेंसी स्काइमेट के महेश पलावत का मानना है कि लगभग 15 किमी प्रतिघंटे की गति से हवा चल सकती है, जिससे प्रदूषित हवाएं छंट सकती हैं।

बादल के छाए रहने से बदल सकती है हवा की गति और दिशा

आइएमडी के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार की दो स्थितियां प्रबल होने वाली हैं। वर्षा अगर नहीं भी होती है तो भी बादल के छाए रहने के कारण हवा की दिशा बदल जाएगी। इस तरह से अभी जो पंजाब एवं हरियाणा में पराली जलाए जाने के कारण जो धुआं दिल्ली की ओर आ रहा है, उसकी दिशा बदल जाएगी और दिल्ली-एनसीआर को काफी हद तक राहत मिल जाएगी।

दूसरी सहायता पश्चिमी विक्षोभ से मिलने वाली है। इसके चलते 11 एवं 12 नवंबर से हवा की गति बढ़ सकती है, जिससे धुंध की स्थिति इधर-उधर हो सकती है।

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