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देश में बढ़े कोरोना के मामले,फरवरी तक होगा पीक पर, IIT प्रोफेसर का दावा, रोज आएंगे 1.5 लाख मामले



कोविड के आने वाले प्रभाव की विश्लेषण करने को गठित की गई टीम के सदस्य व IIT कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने आशंका जताई है की जनवरी व फरवरी के दौरान देश ओमिक्रॉन वैरिएंट के चरम पर होगा और इस दौरान पूरे देश में 1.5 लाख केस रोज सामने आयेंगे।



प्रोफेसर का कहना है कि अभी तक के अध्ययन से पता चला है कि ये omicron बहुत घातक नही है। इसलिए ये लहर भी बहुत घातक नही होगी। लेकिन लोग वैक्सीन की dose ले लें।


इससे पहले देश कोरोना की दो लहर झेल चुका है और दोनो ही लहर के दौरान प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का डाटा विश्लेषण सही साबित हुआ था।


वैसे तो कोरोना के मामले भारत में शुरु होने के बाद कभी खत्म नहीं हुए लेकिन पहली लहर के बाद दूसरी और तीसरी लहर का खतरा बढ़ गया है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहली और दूसरी लहर के दौरान लोगों को वैक्सीन का इंतजार था लेकिन तीसरी लहर से पहले भारत में वैक्सीनेशन का आंकड़ा सौ करोड़ के पार जा चुका है।

खतरा कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रोन का है। दुनिया के अलग अलग देशों में कहर बरपाने वाला ये वैरिएंट भारत में ना सिर्फ दस्तक दे चुका है बल्कि लगातार संक्रमण बढ़ा रहा है। ओमिक्रोन वैरिएंट के पांच राज्यों से अब तक 21 मामले सामने आए है जिसमें से 17 मामले सिर्फ इतवार को ही सामने आए।


राजस्थान के जयपुर में नौ, महाराष्ट्र के पुणे में सात और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक केस शामिल है। ओमिक्रोन से संक्रमित होने वाले सभी लोग अफ्रीकी देशों से लौटे हैं या उनके संपर्क में आए हैं।




कोरोना पर आईआईटी कानपुर के  प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का पूरा बयान सुनने के लिए -
नीचे लिंक पर क्लिक कीजिए -

ओमिक्रोन की सबसे पहले पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई, लेकिन अब कोरोना वायरस का ये खतरनाक वैरिएंट यूरोप और एशिया में अपना पांव पसार चुका है। इसके बाद इस वैरिएंट से पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। यह नया वैरिएंट तेजी से फैलने वाला बताया जा रहा है और परेशान करने वाली बात ये है कि ये उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो पहले से ही संक्रमित हो चुके हैं। इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि 24 नवंबर को ओमिकोन वैरिएंट के पहले केस की पुष्टि के बाद 3 दिसंबर तक यानी सिर्फ 10 दिनों में ही नया स्ट्रेन 38 देशों तक फैल चुका है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बिहार सरकार की तरफ से मौत के आंकड़ों में सुधार किया गया है। इसके चलते बीते 24 घंटे में मरने वालों की संख्या 2,796 दर्ज की गई है। इसमें अकेले बिहार से 2,426 और केरल से 2,63 मौतें शामिल हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमण के 8,895 नए मामले मिले हैं और सक्रिय मामलों में भी 819 की गिरावट आई है।



देश में कोरोना की स्थिति


24 घंटे में नए मामले 8,895, कुल सक्रिय मामले 99,155, 24 घंटे में टीकाकरण 103.93 करोड़, कुल टीकाकरण 127.87 करोड़।


खतरा क्यों बड़ा है समझिए


1- यह कोरोना का नया वैरिएंट है। इसे ओमिक्रोन (B.1.1.529) नाम दिया गया है। इस वैरिएंट के कुल 50 तरह के म्‍यूटेशन है। इसमें 30 स्‍पाइक प्रोटीन है। वैरिएंट की यह खासियत उसको अधिक संक्रामक और खतरनाक बनाती है। चिंता की बात वैरिएंट के 50 म्‍यूटेशन है। विश्‍व स्‍थ्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इसे डेल्‍टा वैरिएंट से ज्‍यादा खतरनाक बताया है।


2- दरअसल, म्‍यूटेशन एक गुच्‍छे की तरह है और यह पहले फैलने वाले वैरिएंट से पूरी तरह से अलग है। इसके साथ इसमें 30 स्‍पाइक प्रोटीन हैं। वायरस के आंतरिक सरंचना में स्‍पाइक प्रोटीन ही वह हिस्‍सा होता है, जहां वैक्‍सीन असर करती है। अगर स्‍पाइक प्रोटीन अलग-अलग होगा तो इस पर वैक्‍सीन के असरदार नहीं होने की आशंका है।


3- विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने तमाम जांच के बाद ओमिक्रोन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न कैटेगरी में रखा है। इसके मायने हैं कि यह वैरिएंट काफी तेजी से फैलता है। ओमिक्रोन वैरिएंट का म्यूटेशन और संक्रामक होने की गति की क्षमता को देखकर इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न कैटेगरी में रखा गया है।


4- भारत में कहर मचाने वाले डेल्‍टा वैरिएंट के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में दो म्‍यूटेशन थे, जबकि इस वैरिएंट में 10 तरह के म्‍यूटेशन है। यह वायरस का वह हिस्‍सा होता है, जो हमारे शरीर के सेल्‍स के संपर्क में आता है। इसलिए यह वैरिएंट ज्‍यादा संक्रामक माना जा रहा है। हालांकि, अभी इस वायरस के बारे में बहुत कुछ जानकारी आना बाकी है। लेकिन इसने जिस तरह से दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के मामलों वृद्धि की है उससे इसके चरित्र को समझा जा सकता है।


5- ओमिक्रोन के भी पिछले वैरिएंट जैसे लक्षण ही दिख रहे हैं। बुखार, खांसी, गंध या स्वाद का खो जाना, गले में दर्द, सिरदर्द, सांस लेने में समस्या, सीने में दर्द आदि सामान्‍य लक्ष्‍ण हो सकते है। ओमिक्रोन के कारण कुछ मरीज असिंप्टोमेटिक भी हो सकते हैं। ओमिक्रोन की जांच करने के लिए पहले से इस्तेमाल किए जा रहे पीसीआर टेस्ट की ही मदद ली जा रही है। कई लैब ने संकेत दिया है कि इस पीसीआर टेस्ट में तीन टारगेट जीन्स में से एक डिटेक्ट नहीं किया जा रहा है।


6- ओमिक्रोन के खिलाफ कोराना वैक्‍सीन कितनी असरदार है इस पर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। हालांकि, वैक्‍सीन निर्माता कंपनियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।



7- वैक्सीनेशन प्रक्रिया और टेस्ट की प्रक्रिया को और तेज करके इस वैरिएंट को बढ़ने से रोका जा सकता है। अच्छी तरह मास्क पहनने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग, भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहना और घर-आफिस में अच्छी तरह वेंटिलेशन बनाए रखना इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका है। कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर का पालन करना जरूरी है।


8-ओमिक्रोन को लेकर भारत सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इस गाइडलाइन के मुताबिक ओमिक्रोन से प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर की जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। यही नहीं यात्रियों को एयरपोर्ट छोड़ने की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक दिए गए सैंपल की जांच का रिजल्ट नहीं आ जाता। पाजिटिव पाए गए यात्रियों को क्वारंटाइन किया जाएगा और प्रोटोकाल के मुताबिक उनका इलाज होगा। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर पैसेंजर एयरपोर्ट से जा पाएंगे लेकिन कम से कम सात दिनों के लिए उन्हें घर पर आइसोलेशन में रहना होगा। इसी के साथ भारत लौटने के आठवें दिन उन्हें दोबारा अपना कोरोना की जांच कराना होगा। केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई इन तमाम गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य होगा।


9- हाई रिस्क मरीजों जिनमें ट्रांसप्लांट वाले मरीज, ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट डिजीज, लिवर समेत गंभीर रोगों से जूझ रहे लोगों को ज्यादा सावधान और सचेत रहने की जरूरत है। इन सभी को CAB यानी कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करना अनिवार्य है।


10- सावधानी, सजगता और सचेत रहकर हम किसी भी खतरनाक संक्रामक बीमारी से बच सकते हैं। जब भी हम गाइडलाइन से दूर जाएंगे संक्रमित होने का खतरा बढ़ता जाएगा।


आपकी लापरवाही


कोरोना के तीव्र वैरिएंट ओमिक्रॉन के मंडराते खतरे और इसके कारण देश में तीसरी लहर आने की आशंका के बावजूद लापरवाही साफ नजर आ रही है। एक सर्वेक्षण में पता चला है कि देश के प्रत्येक तीन लोगों में से एक मास्क नहीं पहनता है।


टीम स्टेट टुडे


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