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अगस्त में कोरोना की तीसरी लहर और सितंबर में पहुंचेगी पीक पर – एसबीआई रिपोर्ट, अलर्ट जारी



कोरोना की दूसरी लहर की तबाही के मंजर से लगभग सभी दोचार हुए हैं। ये समय अनलॉक है। बहुत ना सही लेकिन थोड़ी सख्ती और थोड़ी खुद की जिम्मेदारी समझते हुए लोग कोविड गाइडलाइंस का पालन भी कर रहे हैं। फिर भी खतरा टला नहीं है।


अब एसपबीआई रिसर्च की रिपोर्ट आई है। ये रिपोर्ट एडवांस अलर्ट है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस की तीसरी लहर अगस्त के मध्य तक भारत में आने की संभावना है। तीसरी लहर के चरम का अनुमान सितंबर का महीना है।


इस रिपोर्ट का पूरा संदर्भ एसबीआई रिसर्च द्वारा प्रकाशित 'कोविड -19: द रेस टू फिनिशिंग लाइन' शीर्षक से है।

हांलाकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैक्सीनेशन ही इस समय कोरोना संक्रमण से बचाव का एकमात्र और प्रभावशाली तरीका है। दुनिया भर से मिल रहे आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि तीसरी लहर के चरम मामले दूसरी लहर के समय के चरम मामलों के लगभग 1.7 गुना हो सकते हैं। यानी इस तीसरा दौर पहले से काफी बुरा हो सकता है।


इस समय भारत में जनसंख्या के लिहाज से करीब 4.6 फीसदी आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है, जबकि 20.8 फीसद को एक खुराक मिली है। जबकि अमेरिका में 47.1 फीसदी, यूके में 48.7 फीसद, इजरायल में 59.8 फीसदी, स्पेन में 38.5 फीसदी, फ्रांस में 31.2 फीसद सहित अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है। हांलांकि अगर आंकड़ों के लिहाज से देखें तो भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में अब तक लगी वैक्सीन कई देशों की जनसंख्या के कुल योग से ज्यादा है। लगभग एक चौथाई जनता या करीब 25 करोड़ की आबादी को कम से कम एक खुराक वैक्सीन मिल चुकी है। लेकिन भारत की जनसंख्या ही इतनी ज्यादा है कि हर प्रकार की आपूर्ति यहां ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित हो जाती है।


एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 7 मई को अपनी दूसरी लहर की पीक देखा। मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से जुलाई के दूसरे सप्ताह के आसपास भी कहीं न कहीं लगभग 10,000 मामलों भारत में रहेंगे। ट्रेंड्स के आधार पर 21 अगस्त के बाद से मामले बढ़ने शुरू हो सकते हैं जो कम से कम एक महीने बाद तक जब तक कि चरम पर न पहुंचे, वह बढ़ते रहेंगे।


इस समय देश में करीब 45,000 सक्रिय मामले हैं जो बता रहे हैं कि दूसरी लहर का विनाशकारी प्रभाव अभी गया नहीं है। दैनिक मामलों में बेहद गिरावट से पहले 21 दिनों के लिए लगभग 45,000 के आस पास मामले रहे थे।


भारत में इस समय 12 राज्यों से अब तक डेल्टा प्लस संस्करण के 51 मामलों का पता चला है। 15 जिलों में नए मामले शहरी इलाकों के हैं।


भारत में टीकाकरण की स्थिति


भारत में हर दिन लगभग 40 लाख से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हो रहा है। राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, केरल और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने 60 साल से ऊपर की आबादी के काफी हद तक दोनों टीके दे दिए हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कुल टीकाकरण कम है। वहीं, तमिलनाडु, पंजाब, उत्तर प्रदेश, असम, बिहार और झारखंड ने 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के कम नंबर में टीकाकरण किया है। इन राज्यों को रफ्तार पकड़ने की जरूरत है।


ग्रामीण इलाकों में जब तक टीकाकरण की स्थिति नहीं बेहतर होगी तब तक काम नहीं बनेगा। ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण ना होने की बड़ी वजह सियासी दलों द्वारा फैलाया गया भ्रम और लोगों के मन में बिठाया गया डर है।


टीम स्टेट टुडे


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