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किसान आंदोलन के नाम पर विदेशी “विषकन्याओं” और “वेश्याओं” के जरिए भारत को बदनाम करने की साजिश



राजनीति में विषकन्याओं और वेश्याओं के जरिए सियासत साधने का जिक्र आपने जरुर सुना और देखा होगा। अगर नहीं तो अब जान लीजिए।


भारत में चल रहे किसान आंदोलन के कई रंग अब तक आपने देखे होंगे। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा भी ध्यान होगी। बीते चौबीस घंटों में इस आंदोलन में कुछ विदेशी महिलाओं के नाम भी आप के कान तक पहुंच ही गए होंगे। अगर ना पहुंचे हों तो कुछ चर्चित नाम है पॉप सिंगर रेहाना का, दूसरा स्वीडन की एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और पोर्न स्टार मिया खलीफा।


किसान आंदोलन के नाम पर भारत को बदनाम करने की अन्तर्राष्ट्रीय साजिश को अंजाम दिया है।


किन विदेशी महिलाओं ने किया था ट्वीट


किसान आंदोलन पर ट्वीट करने वालों में अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना का भी नाम था, जिसने ग्रेटा के ट्वीट के एक दिन पहले (2 फरवरी) को उसी तस्वीर और हैशटैग के साथ आंदोलन को लेकर ट्वीट कर वैश्विक बिरादरी का ध्यान आकर्षित कराने की कोशिश की थी। ग्रेटा थनबर्ग व अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी अधिवक्ता मीना हैरिस का नाम शामिल है। भारत के खिलाफ दुष्प्रचार की इस कड़ी में मिया खलीफा का भी नाम है जो इंटरनेट पर अपने जिस्म की नुमाइश करती है।



दिल्ली पुलिस ने पकड़ा टूलकिट


किसान आंदोलन को लेकर भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने के लिए बनाई गई रणनीति का खुलासा होने के बाद से बवाल मचा हुआ है। बुधवार को क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक टूलकिट (दस्तावेज) को ट्वीट किया था। जिसमें किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार को घेरने और भारत को बदनाम करने की साजिश रची गई थी। ग्रेटा ने बवाल बढ़ता देख इस ट्वीट को तुरंत डिलीट भी कर दिया। हालांकि, बाद में उन्होंने दूसरा ट्वीट कर नए टूलकिट को शेयर किया।


स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के एक ट्वीट ने कृषि कानून विरोधी आंदोलन के बहाने देश को अस्थिर करने के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र को उजागर कर दिया है। उसने बुधवार को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को लेकर प्रदर्शन की एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया था और उसके कुछ घंटे बाद पहले ट्वीट से संबंधित ‘टूल किट'' भी उसने अपने ट्विटर एकाउंट से साझा कर दिया था, जिसमें आंदोलन के सहारे भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कटघरे में खड़ा करने की कोशिश के तहत ट्विटर हैशटैग, टैगिंग एकाउंट की लिस्ट, लिखने के लिए शब्द, आंदोलन से संबंधित वीडियो व फोटो समेत अन्य सामग्री मौजूद थी।


संगीन धाराओं में दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस


गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने इस टूलकिट को बनाने वाले के खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह भी बताया कि इसके जरिए भारत के खिलाफ साजिश रची जा रही थी। जिसके बाद ग्रेटा थनबर्ग और अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना के ट्वीट को लेकर सवाल उठने लगे हैं।



दिल्ली पुलिस ने खोली भारत विरोध की पोल


दिल्ली पुलिस ने पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग का नाम लिए बिना कहा कि एक खास सोशल मीडिया अकाउंट से एक डॉक्युमेंट/'टूल किट अपलोड किया गया था, यह टूल किट खालिस्तान से जुड़े एक संगठन 'पोएटिक जस्टिस' का है।


स्पेशल कमिश्नर ने आगे कहा, ' एक सोशल मीडिया हैंडल से अपलोड गए इट टूल किट में किसान आंदोलन के नाम पर डिजिटल स्ट्राइक की बात कही गई है। 26 जनवरी को फिजिकल ऐक्शन, ट्वीट स्टॉर्म की बात कही गई है। 26 जनवरी और उसके आसपास के हिंसा को देखें तो इससे पता चलता है कि पूरे प्लान तरीके से इसीके अनुसार सबकुछ किया गया है। यह दिल्ली पुलिस के लिए चिंता की बात है।'


भारत विरोधी एजेंडा चलाता है पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन


कनाडा का पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन कई साल से भारत के खिलाफ एजेंडा चलाता है। इस फाउंडेशन का अध्यक्ष एमओ धारीवाल को बताया जाता है। यह संगठन की वेबसाइट पर भारत विरोधी कई लेख भी मौजूद हैं। दरअसल इस टूलकिट के माध्यम से पोएटिक जस्टिस किसान आंदोलन को भड़काने की साजिश रच रहा था। बताया जाता है कि इस संगठन का कनाडा में राजनीतिक रसूख भी काफी है। कनाडा के कई सिख सांसद भी इस संगठन से जुड़े हुए बताए जाते हैं।



भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने की थी प्लानिंग


ग्रेटा थनबर्ग ने जो विवादित टूलकिट को ट्वीट किया था उसमें किसान आंदोलन को लेकर भारत को बदनाम करने की प्लानिंग की गई थी। इसमें समय-समय पर भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाले कई लोग परिवर्तन भी करते थे। दरअसल दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो भारत के अंदरूनी मामले का अंतराष्ट्रीयकरण कर बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। शाहीन बाग वाले मामने और सीएए-एनआरसी को लेकर भी ऐसा ही प्रयास किया गया था।


क्या लिखा था ग्रेटा के विवादित टूलकिट में?


ग्रेटा ने अपने ट्वीट में भारत विरोधी एक दस्तावेज भी ट्वीट किया था, जिसमें मोदी सरकार और भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एजेंडा चलाने की प्लानिंग लिखा हुई थी। इसमें लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में आंदोलन में शामिल होने और फोटो-वीडियो को शेयर करने के लिए कहा गया था। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर इसके जरिए एक डिजिटल स्ट्राइक करने की भी योजना बनाई गई थी। भारत सरकार पर दबाव कैसे बनाया जाए इसकी भी प्लानिंग की गई थी। विदेशों में भारतीय दूतावासों के पास कब और कहां प्रदर्शन करना है इस टूलकिट में वह सभी बातें लिखी हुई थीं। मीडिया हाउस, सरकारी बिल्डिंग्स और अडानी-अंबानी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने की योजना भी बनाई गई थी। 4-5 फरवरी को ट्विटर पर हंगामा मचाने की योजना बनाई गई थी, जिसमें किसान आंदोलन से जुड़ी चीजों, हैशटैग और तस्वीरों को ट्रेंड कराया जाएं। इसके लिए तस्वीरें, वीडियो मैसेज 5 फरवरी तक भेज दिए जाएं।



भारत की तरफ से कई सितारे भी उतरे जवाब देने


केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत कई केंद्रीय मंत्रियों व भाजपा नेताओं ने देश की संप्रभुता पर हमले को गंभीरता से लिया और ट्वीट के सहारे करारा जवाब दिया। सचिन तेंदुलकर, अक्षय कुमार, लता मंगेशकर, अजय देवगन व गौतम गंभीर समेत देश की अन्य चर्चित हस्तियां भी एकजुटता दिखाते हुए प्रतिउत्तर में हैशटैग ‘इंडिया टुगेदर'' और ‘इंडिया अगेंस्ट प्रोपोगैंडा'' के साथ मैदान में उतर आए। इस बीच, थनबर्ग का ट्वीट किया टूल किट भी खूब शेयर किया जाने लगा, जिससे स्पष्ट हो गया था कि उसके समेत अन्य विदेशी हस्तियां किसी और के इशारे पर भारत विरोधी ट्वीट कर रहे हैं।


ऐसे हो गया ग्रेटा थनबर्ग को गलती का अहसास


जल्द ही थनबर्ग को खुद से अपना ही राजफाश कर देने की गलती का एहसास हुआ और कुछ घंटे बाद उस टूल किट वाली ट्वीट को उसने हटा दिया। हालांकि, बृहस्पतिवार देर रात्रि चेहरा बचाने की कोशिश में लंबे चौड़े बयान आधारित संशोधित टूल किट के साथ थनबर्ग ने फिर ट्वीट किया। पर तब तक उसके साथ ही भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र से पर्दा हट चुका था।


विदेशी ताकतें सक्रिय


साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यह षड्यंत्र नहीं होता तो थनबर्ग को ट्वीट हटाने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे स्पष्ट है कि विदेशी ताकतें सक्रिय हैं। टूल किट का इस्तेमाल हैकर खूब करते हैं, लेकिन किसी लोकप्रिय शख्सियत द्वारा इसके इस तरह से इस्तेमाल का यह मामला गंभीर है। अब यह भी देखना होगा कि मामला दर्ज होने के बाद किस तरह स्वीडन की नागरिक थनबर्ग पर दिल्ली पुलिस कार्रवाई कर पाती है।


क्या होता है टूल किट


टूल किट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है। इसमें हैशटैग, टैग करने वाले एकाउंट, वीडियो व फोटो और संबंधित विषय से जुड़ी जानकारी होती है। यह एक तरह से ट्वीट से संबंधित पूरी सामग्री होती है, जिसे बस कापी-पेस्ट करना होता है। इसमें तारीख और समय तय होता है, ताकि एक साथ उस हैशटैग को ट्विटर पर ट्रेंड कराया जा सके और दूसरे पक्ष पर दबाव बनाया जा सके।


विदेशियों ने क्यों किया भारत विरोधी प्रचार या ट्वीट


दुनिया में कई ऐसी मशहूर हस्तियां हैं जिनकी सोशल मीडिया पर अच्छी खासी फैन फालोइंग है। पैसे कमाने के इनके अपने तौर तरीके हैं। कोई जिस्म की नुमाइश करता है और पोर्न स्टार कहलाता है, कोई सिंगर,डांसर कहलाता है लेकिन पर्दे के पीछे का सच लिखा,पढ़ा या बोला नहीं जा सकता, कुछ ऐसे भी हैं जो दुनिया के सामने सामाजिक मुद्दों की लड़ाई लड़ते दिखते हैं लेकिन उनका असल धंधा कुछ और होता है। ये सब कुछ इतने बड़े पैमाने और आर्गेनाइज्ड तरीके से होता है कि लोग अक्सर इन्हें सेलिब्रिटी या लोकप्रिय समझने की भूल कर देते हैं। दरअसल किसी व्यक्ति, देश या समाज के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले ये वो मोहरे होते हैं जिन्हें राजनीति में विषकन्या या वेश्या तक कहा जाता है।


टीम स्टेट टुडे

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