प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सरकार ने केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ज्यादा मामलों का जिक्र करते हुए कहा है कि किसी भी तरह की ढिलाई नहीं की जा सकती है। एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने ‘कोविड इमरजेंसी रिस्पाॉन्स पैकेज दो’ के तहत बाल चिकित्सा देखभाल और अन्य सुविधाओं के लिए बिस्तर क्षमता में वृद्धि की स्थिति की समीक्षा की। राज्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में हालात से निपटने के लिए इन क्षेत्रों में प्राथमिक देखभाल और ब्लॉक स्तर के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को फिर से डिजाइन और तैयार करने की सलाह भी दी गई है।
बयान में कहा गया कि राज्यों को जिला स्तर पर कोविड-19, म्यूकरमाइकोसिस, एमआईएस-सी (बच्चों के गंभीर रोग) के प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के लिए ‘बफर स्टॉक’ बनाए रखने के लिए कहा गया है। बयान के अनुसार इस बात पर चर्चा हुई कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों की संख्या अधिक बनी हुई है। भारत में भी महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों के आंकड़े बताते हैं कि आत्मसंतुष्टि के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है। हालांकि, लगातार 10वें सप्ताह साप्ताहिक संक्रमण दर तीन प्रतिशत से कम रही।
पीएम ने ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, सिलेंडर और पीएसए संयंत्रों सहित ऑक्सीजन की उपलब्धता में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इससे जुड़े समूचे तंत्र को तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। सरकार ने कहा कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक पीएसए संयंत्र लगाने के उद्देश्य के साथ 961 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक और 1,450 चिकित्सकीय गैस पाइपलाइन सिस्टम स्थापित करने का भी प्रयास किया जा रहा है। प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एम्बुलेंस नेटवर्क को भी बढ़ाया जा रहा है।
पीएम मोदी ने देश भर में लगने वाले पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थिति की भी समीक्षा की और बताया कि राज्यों को करीब एक लाख ऑक्सीजन सांद्रक और तीन लाख ऑक्सीजन सिलेंडर बांटे जा चुके हैं।
टीकों पर, बयान में कहा गया है कि देश की लगभग 58 प्रतिशत वयस्क आबादी ने पहली खुराक ले ली है और लगभग 18 प्रतिशत दोनों खुराक प्राप्त कर चुके हैं। प्रधानमंत्री को आगामी टीकों और टीकों की आपूर्ति बढ़ाने के बारे में भी अवगत कराया गया। उन्होंने वायरस के स्वरूप के उभरने की निगरानी के लिए निरंतर जीनोम सीक्वेंसिंग की जरूरत पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री को बताया गया कि आईएनएसएसीओजी (कोविड-19 अनुक्रमण कंसोर्टियम) के तहत अब देश भर में 28 प्रयोगशालाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने देश भर में पर्याप्त जांच सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में आरटी-पीसीआर प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए 433 जिलों को दिए जा रहे सहयोग के बारे में बताया।
बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, स्वास्थ्य सचिव, सदस्य (स्वास्थ्य) नीति आयोग समेत अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद थे। बैठक के एक दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत अभी भी कोविड-19 की दूसरी लहर से गुजर रहा है और यह अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा था कि 35 जिलों में अभी भी 10 प्रतिशत से अधिक की साप्ताहिक संक्रमण दर हैं, जबकि यह 30 जिलों में पांच से 10 प्रतिशत के बीच है।
टीम स्टेट टुडे
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