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सीएम भूपेश बघेल के पिता ने लखनऊ में किया ब्राह्मण समाज का अपमान– अभिजात मिश्रा ने की कानूनी कार्रवाई



उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आकर सार्वजनिक रुप से ब्राह्णों को अपमानित करने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं।


भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता और भाजयुमो के राष्ट्रीय महासचिव रहे अभिजात मिश्रा ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के पिता नन्द कुमार बघेल के खिलाफ एक तहरीर राजधानी के थाना हजरतगंज में दी हैं।

अभिजात मिश्र थाने में तहरीर देने हुए कहा कि दो दिन पूर्व छत्तीसगढ़ सीएम के पिता नन्द कुमार बघेल ने लखनऊ ब्राह्मण विरोधी बयान देते ना सिर्फ ब्राह्मणों को विदेशी बताया बल्कि कहा कि इन्हें तो गंगा नदी में बहा देना चाहिए।


अभिजात मिश्रा ने कहा कि ये बयान छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के इशारे पर उनके पिता ने पूरे सवर्ण समाज को टारगेट करते हुए दिया है। ये बयान समाज में वैमनष्यता फैलाने के लिए दिया गया है।


आपको बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भूपेश बघेल को 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। छत्तीसगढ़ में यूपी के कांग्रेस नेताओं की ना सिर्फ ट्रेनिंग हुई है बल्कि टीम भूपेश बघेल यूपी में कांग्रेस पार्टी के लिए निरंतर काम भी कर रही है।


दलित, पिछड़ा वोटबैंक साधने के लिए भूपेश बघेल अपने पिता का सहारा ले रहे हैं। इसी क्रम में नंद कुमार बघेल ने ब्राह्मणों को विदेशी बताते हुए सार्वजनिक रुप से उन्हें वोल्गा में बहा देने का बयान दिया। अपने बयान में बघेल ने बार बार योगीराज शब्द का प्रयोग किया। बघेल का इशारा यूपी की योगी सरकार को लपेटे में लेकर ब्राह्मणों को अपमानित करने का है।


देखिए थाने में क्या बोले अभिजात मिश्रा -



इससे पहले भी योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी साबित करने के लिए विपक्ष ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। तब संयम का परिचय देने की बात कह कर बीजेपी ने मामले शांत कराए थे। योगी सरकार के अभूतपूर्व कामकाज से परेशान विपक्ष ने सरकार में ठाकुरवाद प्रभावी होने का मुद्दा भी जोर-शोर से उछाला। राजधानी लखनऊ जहां नंदकुमार बघेल ने ब्राह्मणों के खिलाफ बयान दिया वहां के सांसद देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह है। जिन्हें अक्सर विपक्षी पार्टियां ठाकुरों के नेता तक सीमित करने का प्रयास करती हैं। हांलाकि बीते दिनों अपने लखनऊ दौरे में राजनाथ सिंह ने होर्डिंग पोस्टरों में स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री और लखनऊ के लंबे समय तक सांसद रहे अटल बिहारी बाजपेई की तस्वीर ना होने पर सार्वजनिक रुप से गहरी नाराजगी जताई थी। परंतु नंद कुमार बघेल के बयान पर उनके कैंप की खामोशी ब्राह्मणों को बेचैन कर रही थी। इस मामले पर सूबे के उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा की चुप्पी भी समाज को गहरी अखर रही थी। दिल्ली से आए प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष एम.के शर्मा भी शांत रहे। बीजेपी के अन्य विधायक जो ब्राह्मण समाज से आते हैं उन्होंने ने भी इस सार्वजनिक अपमान के बयान से किनारा कर लिया। उधर कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए जितिन प्रसाद ने तो इस मामले पर बोलना तक उचित नहीं समझा।



अब जब इस मामले को लेकर अभिजात मिश्रा थाने पहुंचे हैं तो समाज का गुस्सा नियंत्रित तो हुआ है परंतु अगर

इस मामले में योगी सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई ना की तो ब्राह्मण समाज की चिंता बढ़ जाएगी। आपको बताते चलें बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली पार्टियां इस समय ब्राह्मणों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं।

इस पर अभिजात मिश्रा ने कहा कि समाजवादी पार्टी व बहुजन समाजवादी पार्टी के द्वारा सूबे में कराए जा रहे ब्राह्मण सम्मेलनों पर भी सवाल किया कि सीएम छत्तीसगढ़ के पिता के बयान पर ये सभी पार्टियां अब चुप्पी क्यो साधे हुए हैं?



अभिजात मिश्रा का कहना है कि अब जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहा है वैसे वैसे कांग्रेस अपने पुराने खेल को ताजा कर रही है। हर चुनाव से पहले राममंदिर का राग अलापने वाली कांग्रेस अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से जली भुनी बैठी है। ऐसे में सामाजिक वैमनस्यता फैलाकर वो वोटों का ध्रुवीकरण करने की राजनीति कर रही है। आपको बता दें कि नंद कुमार बघेल ने अपने बयान में ब्राह्मणों को अपमानित करने के लिए राममंदिर के सहारे ब्राह्मण और ठाकुरों को लड़ाने की भी कोशिश की है।


टीम स्टेट टुडे


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