google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page

क्या है नारी का महात्म? आध्यात्मिक गुरु देवेंद्र मोहन भैयाजी ने बताया जीवन से जुड़ी गूढ़ताओं का व्यवहारिक पक्ष - देखिए पूरा साक्षात्कार LIVE !



#swami #divyanand जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी #devendramohan #bhaiyaji  ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्टेट टुडे टीवी से विशेष चर्चा की।



देवेंद्र मोहन भैया जी ने कहा कि सनातन व्यवस्था में महिलाओं के लिए सिर्फ एक दिन निर्धारित नहीं किया जा सकता। वैश्विक रुप में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए यादगार दिन की तरह मनाया जा सकता है लेकिन भारतीय परंपरा में नारी का स्थान और उसका महात्म शब्दों की व्याख्या से परे है। नारी शक्तिस्वरुपा है। नारी, सृष्टि की उत्पत्ति से लेकर सृष्टि में जीवन चक्र को साकार करने वाली शक्ति है। नारी के लिए कोई एक विशेष दिन नहीं बल्कि हर क्षण उसी का दिया हुआ है ऐसा मानकर ही समाज का कल्याण संभव है। देवेंद्र मोहन भैया जी ने कहा कि बच्चियों की शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। नारी को कमजोर समझना समाज की भूल है। देवता हों या ऋषि मुनि, आततायियों से निपटने के लिए हमेशा शक्ति का सृजन हुआ है।

शक्ति से ही दुष्टों का संहार हुआ है। प्रत्येक पुरुष का नाम लेने से पूर्व जब सम्मान के साथ संबोधन किया जाता है तो "श्री" अवश्य लगाया जाता है।


"श्री" अर्थात शक्ति। जब हम कहते हैं कि शिव ही शक्ति है तो इसका अर्थ है कि जब शिव में “इ” शब्द शक्ति देता है तो शिव, संभव - साकार होते हैं अन्यथा वह शव है।


देवेंद्र मोहन भैया जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस दौर में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए वास्तविक प्रयास हुए हैं। नई संसद में सर्वप्रथम नारी शक्ति वंदन अधिनियम बनना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। कारोबार, विज्ञान, कृषि, शिक्षा, संवाद, आई टी सेक्टर, सेवा, सेना, सुरक्षा समेत प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की ना सिर्फ भागीदारी सुनिश्चित हुई है बल्कि नारी शक्ति से भारत का तेज बढ़ा है और देश विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है।


देवेंद्र मोहन भैया जी ने #statetoday #tv के साथ विशेष चर्चा में नारी के विविध पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों की गरिमा की भी व्याख्या की है। देवेंद्र मोहन भैया जी के साथ यह संवाद निश्चित ही मानव समाज के लिए प्रेरणा है। गुरुमुख से प्रस्फुटित देववाणी नारी शक्ति के महात्म का ज्ञान निश्चित ही जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आवश्यक है।   नारी का सम्मान जहां है - संस्कृति का उत्थान वहां है।





bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0